अल्मोड़ा में एक और नामी कंपनी के बिस्कुट सैंपल जांच में फेल, व्यापारियों को नोटिस, माहभर में दोबारा करानी होगी जांच

बीते वर्ष दीपावली में दन्यां बाजार में निरीक्षण के दौरान एक दुकान से शाही खजूर कुकीज की पड़ताल की। पता लगा कि यह मिसब्रांड है। व्यापारी जिस खजूर को बेच रहा था वह ब्रांड तो नहीं था लेकिन उसे ब्रांड नाम दिया गया था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 03:52 PM (IST)
अल्मोड़ा में एक और नामी कंपनी के बिस्कुट सैंपल जांच में फेल, व्यापारियों को नोटिस, माहभर में दोबारा करानी होगी जांच
एफएसओ अभय ने बताया कि दोनों व्यापारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नोटिस भेज दिया गया है।

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नामी कंपनियों के खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले थम नहीं रहे हैं। अब बसौली कस्बे में नामचीन कंपनी के बिस्कुट का नमूना जांच में फेल हो गया है। राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला रुद्रपुर ने इसे अधोमानक करार दिया है। यानि खाने योग्य नहीं है। वहीं एक मामला मिसब्रांड अर्थात दूसरे ब्रांड का गलत इस्तेमाल कर खाद्य पदार्थ बेचने का मामला भी पकड़ में आया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट किसी की हत्या करने से कम नहीं है। चंद मुनाफे के लिए एेसे व्यापारी हजारों लोगाें की जिंदगी दांव पर लगा देते हैं। जीवन संकट तो खड़ा ही होता है। साथ ही तरह तरह की बीमारियों को भी निमंत्रण दे देते हैं, जिसमें उपभोक्ता की जमा पूंजी भी खत्म हो जाती है। ऐसे में वह कई तरह से परेशान होता है।

मिलावटखोरों पर अंकुश के मकसद से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जिलेभर में छापे मारे थे। बीते वर्ष दीपावली में दन्यां बाजार में निरीक्षण के दौरान एक दुकान से शाही खजूर कुकीज की पड़ताल की। पता लगा कि यह मिसब्रांड है। व्यापारी जिस खजूर को बेच रहा था वह ब्रांड तो नहीं था लेकिन उसे ब्रांड नाम दिया गया था। इसी साल जुलाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय कुमार सिंह की अगुआई में टीम ने बसौली कस्बे के बाजार से संदेह के आधार पर खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे। सभी सैंपल रुद्रपुर स्थित लैब में भेजे गए। इनमें नामी कंपनी के बिस्कुल का नमूना फेल पाया गया है। 
एफएसओ अभय ने बताया कि दोनों व्यापारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नोटिस भेज दिया गया है। साथ ही माह के भीतर खाद्य नमूनों की पुन: जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। तय समयावधि के भीतर नोटिस का अनुपालन न किया गया तो आरोपितों के खिलाफ न्याय निर्णय अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर कर दिया जाएगा।
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