तीन वर्ष पहले शहर का हिस्सा बने बिहारी व वंसुधरा कालोनी को सुविधाओं का इंतजार
वसुंधरा कालोनी में सड़कों की मरम्मत आठ से दस वर्षों से नहीं हुई हैं। सीसी मार्गों बुरी तरह जर्जर हो गए हैं। बड़े गड्ढे जर्जर पुलिया की वजह से आवागमन करना मुश्किल होता है। शाम के अंधेरे में सड़कों से निकलना अधिक खतरे वाला हो जाता है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर के वार्डों में सबसे बुरी स्थिति आंतरिक मार्गों की है। कई इलाकों में पांच से सात वर्षों से सड़कें नहीं बनी हैं। यातायात नगर के नजदीक की बिहारी कालोनी, मयूर विहार, वसुंधरा कालोनी व सरस्वती नगर इलाकों में भी यही स्थिति है। बदहाल सड़कें झटके दे रही हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी सड़कों की स्थिति नहीं सुधरने से क्षेत्रवासी गुस्सा हैं।
ग्राम पंचायत का हिस्सा रहे 36 गांवों को 2018 में नगर निगम में शामिल कर लिया गया। शहरी क्षेत्र का हिस्सा बन चुके इलाकों में अभी तक बेहतरीन सड़कें तक नहीं हैं। टीपीनगर के पास की बिहारी कालोनी में सड़क तक नहीं बनी हैं। यहां के लोग अभी भी किसी दूरस्थ इलाकों की तरह रह रहे हैं। वसुंधरा कालोनी में सड़कों की मरम्मत आठ से दस वर्षों से नहीं हुई हैं। सीसी मार्गों बुरी तरह जर्जर हो गए हैं। बड़े गड्ढे, जर्जर पुलिया की वजह से आवागमन करना मुश्किल होता है। शाम के अंधेरे में सड़कों से निकलना अधिक खतरे वाला हो जाता है। ग्रामीणों ने समस्या के समाधान की मांग उठाई है।
साझा किया दर्द
-घर के आगे की सड़क आज तक नहीं बन पाई है। जन प्रतिनिधियों व जिम्मेदार अधिकारियों के सामने कई बार आवाज उठाई। केवल आश्वासन मिला। -जितेंद्र नेगी, बिहारी कालोनी
- सड़क व नालियों काफी जर्जर हाल में हैं। कई सड़कें 10 वर्षों से नहीं बन पाई हैं। वार्डों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं। नगर निगम को इस ओर ध्यान देना चाहिए। -सचिन जोहार, वसुंधरा कालोनी
-विश्व बैंक की मदद से कालोनियों में पेयजल लाइनें पड़ रही हैं। काम पूरा होने के बाद सड़कों का पुनर्निर्माण होगा। इसके लिए नगर निगम में प्रस्ताव दिया है। -मनोज जोशी, स्थानीय पार्षद