सहयोग से समाधान : भावेश ने ग्राहकों की मांग ध्यान में रखते हुए हार्डवेयर कारोबार को दिया फैलाव

चुनौतियां हर किसी की जिंदगी में आती हैं। चुनौती जहां जीवन के मायने समझाती है वहीं आगे बढऩे के लिए ढेर सारे अवसर लेकर आती है। चुनौतियों के बीच अगर बदलावों को लागू करने का जज्बा हो तो मुश्किल हालात भी आसान बन जाते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:30 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:30 AM (IST)
सहयोग से समाधान : भावेश ने ग्राहकों की मांग ध्यान में रखते हुए हार्डवेयर कारोबार को दिया फैलाव
भावेश ने ग्राहकों की मांग ध्यान में रखते हुए हार्डवेयर कारोबार को दिया फैलाव

हल्द्वानी, जेएनएन : चुनौतियां हर किसी की जिंदगी में आती हैं। चुनौती जहां जीवन के मायने समझाती है वहीं आगे बढऩे के लिए ढेर सारे अवसर लेकर आती है। चुनौतियों के बीच अगर बदलावों को लागू करने का जज्बा हो तो मुश्किल हालात भी आसान बन जाते हैं। इसी मूलमंत्र को अपनाकर और ग्राहकों के भरोसे-सुझाव की मदद से इंसपेस प्लाइवुड एंड हार्डवेयर के निदेशक भावेश नरुला ने कोरोना काल की विपरीत स्थितियों को भी अपने पक्ष में कर लिया। इस कठिन वक्त में हल्द्वानी के भावेश नरुला ने होलसेल व रिटेल ग्राहकों से 26 साल पुराने रिश्तों और विश्वास को मजबूत किया। ग्राहकों ने उनके नए प्रयासों को हाथोंहाथ लिया। भावेश कहते हैं कि मेहनत, ईमानदारी और लगन के बल पर किसी भी काम की शुरुआत की जाए तो कामयाबी मिलना निश्चित है। कोरोना काल के मुश्किल दौर भी बेहतर रणनीति, विश्वास की बदौलत आसान बना लिया। बिजनेस और कोरोना काल के अनुभव बता रहे हैं भावेश नरुला।

फैक्ट्री से शोरूम तक का सफर

भावेश नरुला बताते हैं कि उनके पिता सतीश कुमार नरुला ने 1995 में रुद्रपुर में प्लाइवुड फैक्ट्री की नींव रखी। साल 2010 तक फैक्ट्री चली। कुछ साल काम बंद रहा। इस दौरान कुछ दूसरे व्यवसाय शुरू किए। ग्राहकों के फीडबैक, सुझाव के आधार पर 2016 में फिर से प्लाइवुड का होलसेल का काम शुरू किया। कुछ दिन पहले ही रामपुर रोड पर नए शोरूम की शुरुआत की है। भावेश कहते हैं दस हजार वर्ग फीट में फैला डिजिटल शोरूम कुमाऊं में सबसे बड़ा है। 25 हजार वर्ग फीट वायर हाउस फैला हुआ है। शोरूम में आठ माड्यूलर किचन का डिस्प्ले लगाया गया है। एक छत के नीचे बहुत सारी वैरायटी देने का प्रयास किया है। यहां प्लाइवुड, हार्डवेयर, लेमिनेट, अप्लाइंसेस, डोर, विंडो समेत अन्य इंटीरियर प्रोडक्ट उपलब्ध हैं।

समाधान 1: ग्राहकों का भरोसा सबसे बड़ा आधार

भावेश बताते हैं कि कोरोना काल ग्राहकों का भरोसा चुनौतियों से लडऩे का पहला हथियार और समाधान था। ग्राहक वाट्सएप और मोबाइल पर संपर्क कर प्रोडक्ट के बारे में जानकारी ले रहे थे। ट्रांसपोर्ट और कई अन्य वजहों से नए निर्माण नहीं हो रहे थे, लेकिन ग्राहक मोलभाव व जानकारी के लिए सोसल मीडिया पर जानकारी ले रहे थे। हमने ग्राहकों को कभी निराश नहीं किया।

समाधान 2: ग्राहकों के लिए वैरायटी बढ़ाई

हम लोग पिछले पांच साल से प्लाइवुड के होलसेल का काम कर रहे हैं। हम अपना काम बढ़ाना चाहते हैं। कोरोना की वजह से इसमें काफी देरी भी हो गई। ग्राहक चाहते थे कि हम अपने काम को हार्डवेयर की तरफ भी ले जाएं। अंतत: हमने ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया और रामपुर रोड पर आधुनिक शोरूम की शुरुआत की। शनिवार को विधिवत उदघाटन होना है। भावेश कहते हैं कि उनके पुराने ग्राहक, रिलेटर उसने काम बढ़ाने का आग्रह कर रहे थे। जिसे उन्होंने स्वीकार किया और अपने व्यवसाय को फैलाव दिया।

समाधान 3 : सोशल मीडिया का सहयोग

भावेश बताते हैं कि हमने लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाने और ग्राहकों को सहूलियत देने के लिए सोशल मीडिया और आनलाइन माध्यम का इस्तेमाल किया। फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर इंसपेस और चलो इंटरनेशनल प्राइवेट लि. नाम से पेज बनाया। जिसे ग्राहकों ने काफी सराहा। भावेश कहते हैंआज कस्टमर सुविधा और क्वालिटी चाहता है। ग्राहक और व्यवसायी के बीच परिवारिक रिश्ता होता है। हम आज भी इसी परंपरा से आगे बढ़ा रहे हैं। हमने ग्राहकों के विश्वास, भरोसे को कभी कम नहीं होने दिया।

सामाजिक दायित्व निभाने में आगे

भावेश अग्रवाल कोरोना काल में सामाजिक दायित्व निभाने में आगे रहे। शहर के चौराहों पर मास्क वितरित किया। लाकडाउन की शुरुआत में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप होने से जब सैकड़ों लोग रास्तों में फंस गए थे, ऐसे समय में भावेश ने रोटी बैंक के माध्यम से शहर के चौराहों, नुक्कड़ पर जरूरतमंदों को भोजन के पैकेज उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक मदद प्रदान की। व्यवस्था को संभालने व लोगों को सहूलियत देने में लगे पुलिस के जवानों को भी भोजन के पैकेट दिए गए। उनकी इस पहल की काफी सराहना हुई।

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