Jagran Exclusive : जीवनशैली में आए बदलाव की कहानी कहेंगे पीएम आवास के लाभार्थी, भुगतान की प्रक्रिया भी बदली
Jagran Exclusive संबंधित नगर निकाय से सर्वेयर लाभार्थी के घर पहुंचेगा। मकान की जिओ टैगिंग होगी। मोबाइल एप के जरिए लाभार्थी की अनुभव बयां करते हुए वीडियो या ऑडियो रिकॉॄडग होगी। जिसे निकायों के इंटरनेट मीडिया पेज के साथ पीएम आवास योजना के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : Jagran Exclusive : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान पाने वाले परिवार अपने जीवन स्तर में आए बदलाव की कहानी बयां करेंगे। सिर के ऊपर पक्की छत न होने से जाड़े की ठिठुरन, गर्मी की तपिश व बरसात की टिपटिप में जिंदगी कितनी मुश्किल थी? सरकारी मदद के बाद जीवनशैली में क्या बदलाव आए? खुद की सफलता की इस कहानी को वीडियो, ऑडियो या लिखित रूप में संकलित करना होगा।
खास बाद ये है कि इसके बाद ही प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत मिलने वाली आॢथक मदद की अंतिम किस्त के 40 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा निर्माण पूर्ण होने के बाद मकान पर प्रतीक पट लगी फोटो, जिओ टैगिंग भी अनिवार्य रूप से करानी होगी। दरअसल, सरकारी योजना का निर्माण पूरा होने पर योजना, लाभार्थी का नाम, कार्यदायी संस्था, वित्तीय वर्ष जैसी जरूरी जानकारी के साथ बोर्ड लगाना होता था। वॉल पेंटिंग करने से मकान गंदा न हो, इससे बचने के लिए चार्ट पेपर, कागज आदि पर बोर्ड लेखन की खानापूॢत कर दी जाती। इसे देखते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने भुगतान के नियमों में बदलाव कर दिया है।
अब पांच किस्तों में भुगतान
पीएम आवास योजना शहरी के तहत घर बनाने के लिए चार किस्तों में दो लाख रुपये दिए जाते थे। अब पांच किस्तों में भुगतान होगा। कार्य शुरू करने से पहले 20 हजार, बुनियाद डालने के बाद 60 हजार, छत पडऩे पर 60 हजार, भवन पूर्ण होने पर 20 हजार दिया जाएगा। भवन की फोटोग्राफ, सफलता की कहानी कहने के बाद अंतिम 40 हजार की किस्त दी जाएगी।
सर्वेयर पहुंचेगा घर
आवास पूर्ण होने की सूचना पर संबंधित नगर निकाय से सर्वेयर लाभार्थी के घर पहुंचेगा। मकान की जिओ टैगिंग होगी। मोबाइल एप के जरिए लाभार्थी की अनुभव बयां करते हुए वीडियो या ऑडियो रिकॉॄडग होगी। जिसे निकायों के इंटरनेट मीडिया पेज के साथ पीएम आवास योजना के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
सामाजिक विकास अधिकारी सुरेश अधिकारी ने बताया कि पीएम आवास योजना शहरी के तहत भुगतान के नियमों में बदलाव हुआ है। लाभार्थी अपनी सफलता की कहानी खुद बयां करेंगे। इससे योजना के प्रसार के साथ भविष्य के लिए दस्तावेज संकलित रहेगा।
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