उत्‍तराखंड की मुस्लिम सोसायटी का फरमान, महिलाओं का मैरेज हाल जाना और खड़े होकर खाना हराम

ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में छीपी वेलफेयर नामक सोसाइटी ने महिलाओं के मैरेज हाल जाने और शादियों में खड़े होकर भोजन करने पर प्रतिबंधित लगा दिया है। इस मामले में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने मोर्चा खोल दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 08:41 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 08:41 AM (IST)
उत्‍तराखंड की मुस्लिम सोसायटी का फरमान, महिलाओं का मैरेज हाल जाना और खड़े होकर खाना हराम
उत्‍तराखंड के मुस्लिम सोसायटी का फरमान, महिलाओं का मैरेज हाल जाना और खड़े होकर खाना हराम

काशीपुर, जागरण संवाददता : उत्‍तराखंड की एक मुस्‍लिम सोसायटी ने एक बेहद ही हास्‍यास्‍पद और महिलाओं के अधिकारों को सीमित करने वाला फरमान जारी किया है। यह फरमान बिल्‍कुल किसी फतवे की तरह है जो महिलाओं के अधिकारों को सीमित करता है। ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में छीपी वेलफेयर नामक सोसाइटी ने महिलाओं के मैरेज हाल जाने और शादियों में खड़े होकर भोजन करने पर प्रतिबंधित लगा दिया है। इस मामले में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार दे नियम विरुद्ध बताया। 

मुस्लिम छीपी वेलफेयर सोसाइटी ने इस संबंध में गुरुवार रात बिस्मिल्लाह मैरज हाल में बैठक की। इसमें सदस्यों ने शादी व अन्य कार्यक्रम में बेटियों को घर से ही विदा करने का नियम बनाया। सभी ने तय किया मैरिज हाल में महिलाओं के जाने, खड़े होकर भोजन करने, बारात में डीजे बजाने, आतिशबाजी छोडऩे, कव्वाली, नाच-गाने, फूलों की वर्षा करने, रीबन काटने जैसे कार्यक्रमों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाय। राजनीतिक व्यक्तियों को भी सोसाइटी ने मंच देने पर पाबंदी लगा दी।  

यह है छीपी वेलफेयर सोसाइटी 

छीपी वेलफेयर सोसाइटी का गठन कथित तौर पर सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए किया गया है। पिछले कई वर्षों से पंचायत के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सोसाइटी एक राय रखती है। पंचायत के लिए इसको 10 सेक्टरों में बांटा जाता है। संगठन का एक नियत समय पर चुनाव भी होता है। 

अच्छे संस्कार देने के लिए कड़े नियम 

अध्यक्ष छीपी वेलफेयर सोसाइटी शाहिद अली ने कहा कि सोसाइटी के सदस्यों ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने और युवाओं को अच्छे संस्कार देने के लिए कड़े नियम बनाए हैं। सभी सदस्य इसका बखूबी पालन भी करेंगे। बेहतर और बदलाव के लिए यह जरूरी है। इस फैसले का हर कोई सम्‍मान और समर्थन कर रहा है। 

महिला अधिकारों को सीमित करने की कोशिश 

राज्य महिला आयोग की उपाध्‍यक्ष सायरा बानो ने बताया कि यह महिलाओं के अधिकारों को सीमित करने की यह साजिश है। क्या पुरुष प्रधान समाज में नियम सिर्फ महिलाओं के लिए ही लागू होते हैं। महिलाओं के मैरेज हाल जाने पर आखिर क्या दिक्कत हो सकती है। धर्म का काम सही रास्ता दिखाना होता है न कि धर्म के नाम से डराना।

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