हल्द्वानी में जानलेवा हमले व फायरिंग के आरोपितों की जमानत नामंजूर
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने जानलेवा हमला करने के आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि तीन सितंबर को ममता देवी निवासी हरिपुर तुलाराम अर्जुनपुर हल्द्वानी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने जानलेवा हमला करने के आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि तीन सितंबर को ममता देवी निवासी हरिपुर तुलाराम अर्जुनपुर, हल्द्वानी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। अभियोजन के अनुसार दो सितंबर को ममता व उनके पति कौस्तुबानंद, बहू सरोज व नाती-पोतों के साथ घर पर थे। तभी पर आहट हुई और कौस्तुबानंद गेट पर गए। इसी बीच अज्ञात लोगों ने फायर झोंक दिया और उसे मृत समझकर भाग गए।
घायल कौस्तुबानंद ने बयान दिया कि आरोपित बलवान सिंह का उसके बेटे के साथ रुद्रपुर में ट्रांसपोर्ट के ट्रकों के भाड़े से संबंधित 50 लाख से एक करोड़ के लेनदेन का झगड़ा था। पहली सितंबर को रुद्रपुर में लेनदेन के संबंध में मीटिंग भी हुई थी, बैठक बेनतीजा रहने पर बलवान ने कौस्तुबानन्द को देख लेने की धमकी दी थी। पुलिस विवेचना में यह भी साक्ष्य आया है कि बलवान सिंह ने अपने परिचित अमरजीत के माध्यम से घटना के रोज हरियाणा से कौस्तुबानंद की हत्या करने के मकसद से अमित व मोनू को उसके घर भेजा। वारदात से पहले बलवान ने अपने मोबाइल से वीडियो कॉल के जरिये कौस्तुबानंद के घर की लोकेशन बताई। हत्या करने की नियत से कौस्तुबानंद पर अंधाधुंध फायरिंग की गई, लेकिन वह बच गया।
जिसके बाद कोर्ट ने साजिशकर्ता आरोपित बलवान पुत्र रामकिशन निवासी सियास काली रामन, थाना दासी, हरियाणा व शूटर अमित उर्फ मित्ता निवासी ग्राम नहला थान बुना, जिला फतेहाबाद हरियाणा, अमरजीत सिंह उर्फ मीनू पुत्र बलवान सिंह निवासी सकवाड़ा मंडी रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर व मूल निवासी ग्राम जमुवा हरियाणा का जमानत प्रार्थना पत्र मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया। आरोपितों पर धारा 307, 120बी 420 आइपीसी के तहत मामला दर्ज है।