मानसिक बीमार युवती से कूड़ा गाड़ी चालक ने किया दुष्कर्म, जमानत अर्जी खारिज
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती के साथ जबरन दुष्कर्म कर गर्भवती बनाने के जेल में बंद आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी। बच्चा होने के बाद पुलिस ने डीएनए परीक्षण कराया तो आरोपित ही उसका पिता निकला था।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती के साथ जबरन दुष्कर्म कर गर्भवती बनाने के जेल में बंद आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अभियोजन की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का कड़ा विरोध करते हुए थाना हल्द्वानी में रिपोर्टकला अशोक दलील दी कि पिछले साल सितंबर में हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने कोतवाली में तहरीर दी। बताया कि परिवार में पिता पुत्री रहते हैं। गरीबी की वजह से भिक्षावृत्ति कर पेट पालते हैं। उसकी बेटी ने कुछ समय पहले इंदु पत्नी यशपाल निवासी राजपुरा के घर काम भी किया। अंदेशा जताया कि इंदु के पति यशपाल या किसी अन्य ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
रिपोटकर्ता ने अदालत में बयान दर्ज कराया कि यशपाल ने ही उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। पड़ोसियों ने बताया कि उसका पेट आ गया है, तब जाकर पता चला कि वह छह माह की गर्भवती है। यह भी बताया कि उसकी बेटी को मिर्गी के दौरे भी आते हैं। पीड़िता ने भी बयान दिया कि कूड़े की गाड़ी चलाने वाले यशपाल ने ही उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए।
यशपाल का नाम लेने पर उसने गर्दन हिलाकर हां कहा। पुलिस ने पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण कराया तो वह आठ माह की गर्भवती निकली। बच्चा होने के बाद पुलिस ने डीएनए परीक्षण कराया तो उसका जैविक पिता यशपाल निवासी वार्ड नंबर दो राजपुरा ही निकला। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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