बहुगणा ने शिलान्यास किया, पुल-सड़क धामी के दौर में भी नहीं मिली, गौलापार में समस्या का अंबार

2013 के बहुगुणा ने इस गांव की पुल व सड़क का शिलान्यास किया था। मगर आठ साल बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। जबकि बहुगुणा के बाद हरीश रावत त्रिवेंद्र रावत तीरथ और अब पुष्कर सिंह धामी तक सीएम बन चुके हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:14 PM (IST)
बहुगणा ने शिलान्यास किया, पुल-सड़क धामी के दौर में भी नहीं मिली, गौलापार में समस्या का अंबार
ग्रामीणों का कहना है कि अफसरों से लेकर नेताओं के चक्कर काट वह थक चुके हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौलापार के नकायल गांव के लोगों की सालों पुरानी मांग के पूरा होने की उम्मीद को पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के वक्त पंख लगे थे। 2013 के बहुगुणा ने इस गांव की पुल व सड़क का शिलान्यास किया था। मगर आठ साल बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। जबकि बहुगुणा के बाद हरीश रावत, त्रिवेंद्र रावत, तीरथ और अब पुष्कर सिंह धामी तक सीएम बन चुके हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि अफसरों से लेकर नेताओं के चक्कर काट वह थक चुके हैं। सर्वे, प्रस्ताव, डिजाइन में आपत्ति का मामला बड़ी मुश्किल से दूर हुआ तो अब काम का जीओ जारी नहीं हो पा रहा। गौलापार की लक्षमपुर ग्राम पंचायत में आने वाले नकायल गांव में दिक्कतों का दौर बारिश के सीजन के साथ दोगुना हो जाता है। सूखी नदी के उफान पर होने से गांव के लोग घरों में ही अटक जाते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों, गर्भवती और बुजुर्गों को आती है। साठ मीटर पुल व करीब दो किमी सड़क के लिए लंबा आंदोलन करना पड़ा था।

साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर दिया। लेकिन काम 2021 की विदाई के वक्त भी शुरू नहीं हो सका। प्रांतीय खंड लोनिवि नैनीताल के पुराने सर्वे में लागत छह करोड़ 34 लाख थी। बाद में संशोधन होने पर बजट सात करोड़ 14 लाख पहुंच गया। सोमवार को ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक नवीन दुम्का से मुलाकात कर जल्द शासनादेश जारी करवाने की मांग भी की। फिलहाल आश्वासन ही मिला है।

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