चम्पावत में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर लगाया हठधर्मिता का आरोप
कहा कि सरकार ने शीघ्र उनकी मांगें नहीं मानी तो यह सरकार के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। मंगलवार को ज्येष्ठ प्रमुख मोनिका बोहरा सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद सामंत राजेश पुनेठा ने धरना स्थल पर जाकर आशा वर्कर्स को अपना समर्थन दिया।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : राजकीय कर्मचारी घोषित करने और कोविड ड्यूटी के दौरान तय मासिक भत्ते का भुगतान सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर गई आशा वर्करों का धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि जब तक मांगों को नहीं मान लिया जाता उनका कार्यबहिष्कार जारी रहेगा।
मंगलवार को कलक्टे्रट में ब्लाक अध्यक्ष रुक्मणी जोशी एवं जिला उपाध्यक्ष हेमा जोशी के नेतृत्व में आशाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कहा कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कहा कि आशा वर्कर लंबे समय से राजकीय कर्मचारी घोषित करने, न्यूनतम मानदेय 21 हजार करने, सेवानिवृत होने पर पेंशन का प्रावधान करने, कोविड कार्य में लगी सभी आशा वर्कर्स को 10 हजार रुपये मासिक भत्ते का भुगतान करने, पचास लाख का जीवन बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करने, कोराना डयूटी में मृत आशा वर्करों के आश्रितों को पचास लाख का बीमा और चार लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान करने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
कहा कि सरकार ने शीघ्र उनकी मांगें नहीं मानी तो यह सरकार के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। मंगलवार को ज्येष्ठ प्रमुख मोनिका बोहरा, सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद सामंत, राजेश पुनेठा ने धरना स्थल पर जाकर आशा वर्कर्स को अपना समर्थन दिया। उन्होंने और सरकार से उनकी जायज मांगे मान लेने की अपील की। इस मौके पर पुष्पा जोशी, चंद्रकला सक्टा, विद्या देवी, प्रमिला जोशी, संगीता प्रहरी, ऊषा थ्वाल, मीना जोशी, हेमंती जोशी, लक्ष्मी रैंसवाल, नीरू देवी, तनुजा पांडेय, रेनू गोस्वामी, निर्मला त्रिपाठी, लक्ष्मी राणा सहित दर्जनों आशा वर्कर्स मौजूद रहीं।