जब तक दुनियां है, जिंदा रहेगा पुराना संगीत
सारेगामा और सुरक्षेत्र फेम गायक महबूब अली का कहना है कि जब तक दुनियां रहेगी तब तक पुराना संगीत रहेगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : सारेगामा और सुरक्षेत्र फेम गायक महबूब अली का कहना है कि जब तक दुनियां रहेगी तब तक पुराना संगीत रहेगा। नए दौर का संगीत घूम फिर कर पुराने दौर को याद कर रहा है, जबकि मौजूदा दौर के गीत मात्र 24 घंटे के बाद दिमाग से उतर रहे हैं। कहा कि पुराने गीत आज भी लोगों के दिलो दिमाग पर रचे बसे हैं। सोमवार को नैनीताल दैनिक जागरण ब्यूरो कार्यालय पहुंचे गायक महबूब अली बोले 1994 में कानपुर से मुंबई के लिए निकले थे। संघर्ष के बाद गायकी के क्षेत्र में मुकाम मिला। 2011 में जी टीवी के शो सुर क्षेत्र में गेस्ट परफॉर्मेस देने का अवसर मिला। भारत से बाहर एक दर्जन देशों में शो कर चुके महबूब बताते हैं कि उनके गुरु कानपुर के प्रशांत चटर्जी हैं। उन्हीं से संगीत की तालिम ली। बोले बचपन से ही गायकी का शौक था। महबूब मन्ना डे, मोहम्मद रफी व किशोर कुमार के बहुत बड़े फैन हैं। मौजूदा दौर का गीत संगीत प्रोफेशनल है। दर्शकों की डिमांड पर उसे तैयार किया जा रहा है। पुराने गीतों में जो कशिश होती थी वह नए गीतों में गायब है। पुराने गीतों में हुस्न की तारीफ में शर्म जैसी महसूस होती थी, मगर मौजूदा दौर में गीत संगीत में फुहड़पना है। यही वजह है कि वर्तमान फिल्मों के गीत 24 घंटे के बाद लोग भूल जा रहे हैं। उम्मीद जताई कि भारतीय संगीत फिर से पुराने दौर में आएगा। गायक महबूब दैनिक जागरण के फैन होने के साथ ही जागरण के दर्जनों कार्यक्रमों में जलवा बिखेर चुके हैं।