एरीज ने चार करोड़ की लागत से विकसित किया अंतरीक्ष की गहराइयों को देखने के लिए खुद का उपकरण

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज ने सुदूर अंतरीक्ष की गहराइयों पर देख सकने वाले उपकरण ईजाद करने में सफलता हासिल की है। इस उपकरण का नाम स्पेक्ट्रोग्राफ है। उपकरण को एरीज की देवस्थल स्थित 3.6 मीटर ऑप्टिकल टेलीस्कोप पर लगाया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:42 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:37 PM (IST)
एरीज ने चार करोड़ की लागत से विकसित किया अंतरीक्ष की गहराइयों को देखने के लिए खुद का उपकरण
एरीज ने चार करोड़ की लागत से विकसित किया अंतरीक्ष की गहराइयों को देखने के लिए खुद का उपकरण

नैनीताल, जागरण संवाददाता : आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज ने सुदूर अंतरीक्ष की गहराइयों पर देख सकने वाले उपकरण ईजाद करने में सफलता हासिल की है। इस उपकरण का नाम स्पेक्ट्रोग्राफ है। उपकरण को एरीज की देवस्थल स्थित 3.6 मीटर ऑप्टिकल टेलीस्कोप पर लगाया गया है। स्वदेशी रूप से विकसित स्पेक्ट्रोग्राफ चार करोड़ की लागत से बनाया गया है। आत्मनिर्भर भारत की राह पर यह एक बड़ी उपलब्धि है।

विज्ञानी डॉ अमितेश ओमर ने बताया कि  विदेशों की तुलना  में स्पेक्ट्रोग्राफ की लागत ढाई गुना कम है। इस ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ का विकास हो जाने से बहुत कम उम्र के ब्रह्मांड में दूर की आकाशगंगाओं के धुंधले मूॢछत प्रकाश के स्रोतों का पता लगा सकता है। ये क्षेत्र  ब्रह्मांड के चारों ओर सुपरमैसिव ब्लैक होल के आसपास के क्षेत्र हैं।  इस तरह के स्पेक्ट्रोस्कोप अब तक विदेशों से आयात किए जाते थे। जिनकी लागत बहुत अधिक हुआ करती थी।

यह उपकरण 3.6-एम डॉट  टेलेस्कोप का बेहद अहम उपकरण है।  कई विशेष लैंसों का उपयोग इसमें किया गया है। डॉ अमितेश ओमर  ने इसे तकनीकी वैज्ञानिक टीम के साथ इस परियोजना का नेतृत्व किया । स्पेक्ट्रोग्राफ और कैमरे के विभिन्न ऑप्टिकल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक उप-प्रणालियों पर शोध कर इसका विकास किया।

देश के विज्ञानियों के पास अब बेहतर सुविधा

देश के खगोल विज्ञानियों के अध्ययन के लिए यह सुविधा बेहद मदद करेगी । स्पेक्ट्रोग्राफ का  उपयोग खगोलविदो द्वारा युवा आकाशगंगाओं के अध्ययन के लिए किया जाता है। आकाशगंगाओं के चारों ओर सुपरमैसिव  ब्लैक-होल के आसपास के क्षेत्र व अत्यधिक ऊर्जावान गामा-रे व ब्रह्मांडीय विस्फोट समेत ब्रह्मांण्ड के कई अन्य रहस्यों का पता लगाने के लिए करते है।

देवस्थल में है एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन

एरीज के देवस्थल में स्थित एशिया की सबसे बड़ी ऑप्टिकल एलेस्कोप है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेल्जियम से इस टेलेस्कोप का उदघाटन किया था। यह दुरबीन दो सौ करोड़ रुपये की लागत से बनी है।  इस टेलेस्कोप में स्पेक्ट्रोग्राफ के लग जाने से इसकी क्षमता कंही अधिक बढ़ गई है। भविष्य में इसी तरह के कई अन्य उपकरण इस दूरबीन में लगाये जायेंगे।

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