Kumaon University : पीजी पाठ्यक्रमों में सीबीएस सिस्टम लागू करने को मंजूरी, जानिए क्या है CBCS System
कुमाऊं विवि की कार्यपरिषद ने शनिवार को बैठक कर कई प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी। बैठक में विश्वविद्यालय के परिसरों संबद्ध महाविद्यालय संस्थानों में संचालित पीजी पाठ्यक्रमों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS System) प्रणाली को लागू करने की संस्तुति दे दी गई।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि की कार्यपरिषद ने शनिवार को बैठक कर कई प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी। बैठक में विश्वविद्यालय के परिसरों, संबद्ध महाविद्यालय, संस्थानों में संचालित पीजी पाठ्यक्रमों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS System) प्रणाली को लागू करने की संस्तुति दे दी गई। इस दौरान विभिन्न विषयों की संशोधित रूपरेखा, संयोजक एवं अनुमोदित शोधार्थियों, शोध निर्देशकों तथा शोध शीर्षकों की सूची का अनुमोदन किया गया।
शनिवार को कुलपति प्रो. एनके जोशी की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में परीक्षा समिति की बैठक की संस्तुतियों, पाठ्य समितियों की संस्तुतियों तथा प्रस्तावों पर संबंधित संकाय मंडलों की संस्तुतियों व प्रवेश नियमों का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में विद्या परिषद के शिक्षकों के करियर एडवांसमेंट स्कीम के अन्तर्गत प्रोन्नति तथा सीधी भर्ती के अन्तर्गत नियुक्ति के लिए राजभवन को विषय विशेषज्ञ की सूची भेजने के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया। बैठक का संचालन कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने किया।
बैठक में बायो मेडिकल साइंस के डीन प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एबी मेलकानी, वाणिज्य संकायाध्यक्ष वाणिच्य प्रो. अतुल जोशी, कला संकायाध्यक्ष कला प्रो. आरके पांडे, प्रो. एमएस मावड़ी, प्रो. अर्चना नेगी साह, डीएसबी परिसर निदेशक प्रो. एलएम जोशी, प्रो. संजय पंत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एचसीएस बिष्ट, प्रो. राजीव उपाध्याय, प्रो. शिरीष मौर्य, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. नंदागोपाल साहू, प्रो. अमित जोशी, प्रो. संजय घिल्डियाल, प्रो1 जया तिवारी, प्रो. लता पांडे, प्रो. एसडी तिवारी, डा. अशोक कुमार, डा. महेंद्र राणा आदि मौजूद थे।
क्या है सीबीसीएस सिस्टम
यूजीसी ने सभी विवि में Choice Based Credit System (CBCS System) लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस सिस्टम में छात्रों के पास निर्धारित पाठ्यक्रमों के चयन का विकल्प होता है। वह अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ विश्वविद्यालय के किसी दूसरे विषय का भी चुनाव करके उसमें कुछ क्रेडिट अंक प्राप्त कर सकेगा। मूल्यांकन ग्रेडिंग के आधार पर होगा। इस व्यवस्था में छात्रों को माइग्रेशन, ट्रांसफर आदि में कोई समस्या नहीं होती। वह कहीं से भी दूसरे विषय की पढ़ाई कर सकता है।
सीबीसीएस सिस्टम की ऐसे होगी ग्रेडिंग
यूजीसी ने सीबीसीएस सिस्टम के लिए 10 अंकों की ग्रेडिंग प्रणाली की शुरुआत की है। ग्रेडिंग में 10 ए पाने वाले छात्र (अति उत्कृष्ट) की श्रेणी में रखे गए हैं। इसी प्रकार 9 ए (बहुत अच्छा), 8 बी प्लस (अच्छा), 7 बी (औसत से ऊपर), 6 सी (औसतन), 5 पी (पास), 4 एफ (अनुत्तीर्ण) और 0 एबी (अनुपस्थित) शून्य रखा गया है। इसी तरह से ग्रेड के आधार पर परीक्षाफल तैयार किए जाएंगे।
फारेंसिक साइंस अब अलग विभाग
विवि के पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फार्मेशन, सिस्टम सिक्योरिटी पाठ्यक्रमों को कंप्यूटर साइंस विभाग के अंतर्गत संचालित करने व फारेंसिक साइंस को अलग विभाग के रूप में बायो मेडिकल साइंस संकाय में व समाजशास्त्र विभाग को समाजशास्त्र एवं अपराध शास्त्र विभाग में शामिल करने की संस्तुति की गई।