बर्खास्त साथियों की बहाली के लिए 22 अक्टूबर से आमरण अनशन का एलान, मेयर से वार्ता के बाद नहीं नहीं बनी बात
कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर चले आंदोलन को दो सप्ताह का समय बीत गया है। धरने व अनशन के बाद भी नगर निगम प्रशासन ने किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई। पार्षद महेश चंद्र ध्रुव कश्यप ने आंदोलन को समर्थन दिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सात दिनों से जारी क्रमिक अनशन के बाद भी सुनवाई न होने से आहत देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने 22 अक्टूबर से आमरण अनशन का एलान किया है। संगठन की ओर से इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को ज्ञापन सौंपा है।
नगर निगम परिसर में चल रहे आंदोलन में गुरुवार को सातवें दिन विजय पाल अनशन पर बैठे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष संगठन मंत्री अमित कुमार ने कहा कि मोहल्ला स्वच्छता समिति के तहत कार्यरत छह कर्मचारियों को जुलाई में बर्खास्त कर दिया गया था। कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर चले आंदोलन को दो सप्ताह का समय बीत गया है। धरने व अनशन के बाद भी नगर निगम प्रशासन ने किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई। पार्षद महेश चंद्र, ध्रुव कश्यप ने आंदोलन को समर्थन दिया।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष नरेंद्रजीत सिंह रोडू, विनोद कुमार ने मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला से बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की मांग की। संगठन ने आमरण अनशन का एलान किया है। धरना देने वालों में संजीव, राजेश, रवि चिंडालिया, चौधरी अशोक, रामू भारती, विजय पाल, मुकेश, बांके लाल, आशीष, विश्वास, विशाल, रोहित टांक, वीरेंद्र, मंजू, चमन, रोहित, कृष्णा, अनीता, रोहित, श्याम, राजेश, संजय साहिल, मुकुल, अरुण आदि शामिल रहे।