पेयजल योजना के पुनर्गठन को लेकर गुस्साए ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय पर धावा, दिया धरना
तहसील के बड़े हिस्से में जलापूर्ति के मकसद से 35 वर्ष पूर्व बनी भवानीदेवी पंपिंग पेयजल योजना को स्वीकृति मिली थी। योजना अब जर्जर स्थिति में पहुंच गई है। नतीजतन पानी की मांग व आपूर्ति का समीकरण गड़बड़ाने पर लंबे समय से पुनर्गठन की मांग उठाई जाती रही है।
जागरण संवाददाता, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : विकासखंड की सबसे बड़ी व पुरानी भवानी देवी पंपिंग पेयजल योजना के पुनर्गठन की मांग जोर पकडऩे लगी है। जर्जर हालत में पहुंच चुकी योजना की सुध न लिए जाने से गुस्साए लोग तहसील मुख्यालय जा धमके। उन्होंने विभाग पर ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप लगा धरना दिया। इधर जनदबाव में विभागीय अधिकारियों ने माहभर के भीतर एस्टीमेट बना पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने का भरोसा दिलाया। इस पर धरना फिलहाल स्थगित कर दिया गया। मगर दो टूक चेताया कि वादाखिलाफी पर बड़ा आंदोलन करेंगे। पहाड़ पर पेयजल की समस्या से ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। उनका कहना है कि कोरोना पाबंदी के बीच पेयजल की समस्या से परेशानी और बढ़ गई है।
तहसील के बड़े हिस्से में जलापूर्ति के मकसद से 35 वर्ष पूर्व बनी भवानीदेवी पंपिंग पेयजल योजना को स्वीकृति मिली थी। योजना अब जर्जर स्थिति में पहुंच गई है। नतीजतन, पानी की मांग व आपूर्ति का समीकरण गड़बड़ाने पर लंबे समय से पुनर्गठन की मांग उठाई जाती रही है। मगर विभाग की ओर से सकारात्मक संकेत नहीं मिले।
इधर पेयजल किल्लत झेल रहे क्षेत्रवासियों ने बीते दिनों आंदोलन की चेतावनी दी थी। सोमवार को लोग तहसील मुख्यालय पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। कहा कि क्षेत्र की 40 ग्राम पंचायतों व तोकों समेत करीब 80 गांव इसी योजना पर निर्भर है। साफ कहा कि पुनर्गठन से कम पर समझौता नहीं किया जाएगा। धरने से हलकान अवर अभियंता जल निगम केएल सेमवाल स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। आश्वस्त किया कि माहभर के भीतर योजना का आगणन तैयार कर जल जीवन मिशन के जरिये शासन को भेजेंगे।
वहीं जलसंस्थान रानीखेत से जलापूर्ति को दो अतिरिक्त टैंकर की व्यवस्था की गई है। इस पर धरना स्थगित कर दिया गया। इस मौके पर संदीप खुल्वे, रमेश धौलाखंडी, आनंद डंगवाल, रोहित नेगी, हरीश नाथ, हरीश भंडारी, नरेंद्र नेगी, भूपेंद्र अधिकारी, ईश्वर भंडारी, इंदर सिंह, जया कड़कोटी, रीता भंडारी आदि मौजूद रहे।
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