ग्रामीणों के साथ ही अब नौनिहालों के भी सूख रहे हलक, शिक्षक व स्कूली बच्चे रोजाना बोतल में पानी लेकर पहुंचते हैं विद्यालय
विद्यालय को मेहरखोला भुजान पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर आए दिन पेयजल आपूर्ति ठप रहती है। जरुरत पड़ने पर विद्यालय से पांच सौ मीटर दूर रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर लगे हैंडपंप से पानी ढोया जाता है।
संवाद सहयोगी, गरमपानी : पर्वतीय क्षेत्रों के सुदूर गांवों में पानी के लिए कोहराम मचा हुआ है दूसरी ओर सरकार हर घर नल से जल योजना के ढोल पीट रही है पर हकीकत में बूंद बूंद पानी को परेशान ग्रामीण सुदूर प्राकृतिक जल स्रोतों को रुख कर रहे हैं। हालात अब इतने बिगड़ चुके हैं कि स्कूली नौनिहाल भी विद्यालय को घर से ही पानी लेने जाने को मजबूर है।
हर घर नल से जल योजना से प्रत्येक परिवार को पानी उपलब्ध कराने के दावे तो किए जा रहे हैं पर दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। सर्दियों में ही जल स्रोत सूख चुके हैं ऐसे में हर घर नल से जल कैसे उपलब्ध हो पाएगा यह बड़ा सवाल है। गांवों के साथ ही अब विद्यालयों में भी पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर स्थित जीआइसी भुजान में आसपास के गांवों के करीब 277 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर जाने के चलते विद्यार्थी व शिक्षक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि विद्यार्थी व शिक्षक रोजाना ही अपने-अपने घरों से ही बोतल में पानी ले कर विद्यालय पहुंचते हैं। दिनभर उसी पानी से काम चलाया जाता है। विद्यालय को मेहरखोला भुजान पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर आए दिन पेयजल आपूर्ति ठप रहती है। जरुरत पड़ने पर विद्यालय से पांच सौ मीटर दूर रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर लगे हैंडपंप से पानी ढोया जाता है। स्थानीय महिपाल सिंह बिष्ट, व्यापारी नेता मदन सुयाल, पूरन लाल साह, वीरेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट आदि लोगों ने विद्यालय में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो सड़क पर उतर आंदोलन शुरु किया जाएगा।
अवर अभियंता मनोज पांडे ने बताया कि गांव को मेहरखोला भुजान पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर कुछ अराजक तत्व मुख्य पेयजल लाइन में छेड़छाड़ करते हैं जिससे सुचारु रुप से आपूर्ति नहीं हो पाती। प्रयास किया जाएगा कि विद्यालय को समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके। पेयजल लाइन में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को प्रशासन से भी पत्राचार करेंगे।
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