वाल्वो में सवारी के साथ बैग का किराया भी ले रहे, हर चक्कर में करीब 3 हजार की अवैध वसूली

हल्द्वानी स्टेशन पर जैसे ही यात्री बस में चढ़ते हैं तो हेल्पर यात्रियों से सामान बस के पीछे बने लगैज बाक्स में रखने को कहता है। जिसके बाद एक स्टीकर देकर दस रुपये हर सवारी से वसूले जाते हैं। जबकि टिकट में यात्री सामान का पैसा भी शामिल होता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:16 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:16 AM (IST)
वाल्वो में सवारी के साथ बैग का किराया भी ले रहे, हर चक्कर में करीब 3 हजार की अवैध वसूली
यात्रियों के कई बार शिकायत करने के बावजूद अफसरों ने कभी मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : हाईटेक वाल्वो बस में सफर करने के लिए यात्रियों को आम बसों की बजाय दोगुने से ज्यादा रुपये चुकाने पड़ते हैं। सीट पाने के लिए अधिकांश को आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है।

हल्द्वानी से दिल्ली जाने के लिए यात्री को 819 रुपये टिकट कटाना पड़ता है। मगर बैग या अन्य सामान रखने के लिए दस रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है। काठगोदाम डिपो रोजाना छह बसों को दिल्ली भेजता है। 45 सीट प्रति बस के हिसाब से 270 सवारी एक तरफ से रवाना होगी। दस रुपये प्रति सवारी के हिसाब से लगैज का अवैध शुल्क 2700 रुपये बनता है। इतने रुपये ही वापसी में बन जाते हैं। यात्रियों के कई बार शिकायत करने के बावजूद अफसरों ने कभी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उत्तराखंड परिवहन निगम में वाल्वो बसों को अनुबंध के हिसाब से चलाया जाता है। इन बसों में विभाग सिर्फ परिचालक मुहैया करवाता है। जबकि चालक और एक हेल्पर ठेकेदार यानी बस मालिक का होता है।

फिलहाल कुमाऊं में छह वाल्वो के हल्द्वानी टू दिल्ली रूट पर संचालन की जिम्मेदारी काठगोदाम डिपो के पास है। तीन सुबह और तीन रात को हल्द्वानी से रवाना होती है। हल्द्वानी स्टेशन पर जैसे ही यात्री बस में चढ़ते हैं तो हेल्पर यात्रियों से सामान बस के पीछे बने लगैज बाक्स में रखने को कहता है। जिसके बाद एक स्टीकर देकर दस रुपये हर सवारी से वसूले जाते हैं। जबकि टिकट में यात्री सामान का पैसा भी शामिल होता है।

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