पुलिस दबिश में दलितों के दमन का आरोप, सितारगंज कोतवाली में विपक्षी दलों का धरना

राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने ग्रामीणों की तरफ दी तहरीर पर सत्ता के दबाव में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने कार्रवाई नही होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। अफसरों ने साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाने का प्रयास किया।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:58 PM (IST)
पुलिस दबिश में दलितों के दमन का आरोप, सितारगंज कोतवाली में विपक्षी दलों का धरना
लिस अफसरों ने मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

जागरण संवाददाता, सितारगंज : लोका गांव में वारंटी की गिरफ्तारी को गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों के साथ बर्बरता का आरोप लगाते हुये विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुये कोतवाली में धरना प्रदर्शन किया। राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने ग्रामीणों की तरफ दी तहरीर पर सत्ता के दबाव में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने कार्रवाई नही होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। अफसरों ने ग्रामीणों की तरफ से दी गई तहरीर में साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाने का प्रयास किया। इस पर ग्रामीण बिफर गये। 

गुरुवार को विभिन्न गांवों से ग्रामीण कोतवाली गेट पर एकत्र हुये। जिसके बाद कांग्रेस, आम आदमी पाटी, भीम आर्मी, सपा, बसपा के पदाधिकारियों की अगुवाई में एएसपी प्रमोद कुमार, एसपी क्राइम मिथलेश कुमार से वार्ता की। वे ग्रामीणों की तरफ से पूर्व में दी तहरीर पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे। मांग पूरी नही होने पर उन्होंने कोतवाली परिसर में धरना शुरु कर दिया। कांग्रेसी एवं पूर्व विधायक नारायण पाल, नवतेज पाल सिंह, आप नेता अजय जायसवाल, सपा के योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि सत्येंद्र की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने दलित वर्ग के परिवारों के साथ बर्बरता की है। पुलिस बिना जांच-पड़ताल के मुकदमें दर्ज कर रही है। इससे आमजन का शोषण हो रहा है। उन्होंने ग्रामीणों की तरफ से कुछ दिन पूर्व पुलिस को नामजद तहरीर सौंपी थी। जिसमें अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है। पुलिस सत्ता के दबाव में ग्रामीणों की शिकायत पर ध्यान नही दे रही है। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं की पुलिस से तींखी नोकझोंक भी हुई। जिस पर पुलिस अफसरों ने संयम का परिचय देते हुये मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

एएसपी प्रमोद कुमार, एसपी क्राइम मिथलेश कुमार ने धरने में डटे ग्रामीणों से आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। ग्रामीण दलित परिवारों की तरफ से दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। जिस पर एसपी क्राइम मिथलेश कुमार ने ग्रामीणो से कहा कि तहरीर के आधार पर साक्ष्य उपलब्ध कराये। कानून सबके लिये सामान्य है। साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जायेगी। इस मौके पर पालिकाध्यक्ष हरीश दुबे, कांग्रेसी करन जंग, शाकिर अली, इश्तियाक अंसारी, रिहान अंसारी, शक्ति त्रिपाठी, भीष्म नारायण, शादाब इदरीशी, सतवंत सिंह मौजूद थे।

सत्येंद्र पर विधायक के गनर से मारपीट का लगा था आरोप

विधायक सौरभ बहुगुणा के भ्रमण के दौरान गोठा गांव के पास ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया था। इस दौरान विवाद हो गया था। विधायक की सुरक्षा में तैनात सिपाही अमित कुमार ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र और उसके पांच नामजद साथियों ने उनके साथ मारपीट कर वर्दी फाड़ दी। पुलिस ने सुरक्षाकर्मी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज सत्येंद्र को 20 अकटूबर की रात को ही दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व भी सत्येंद्र के खिलाफ कोतवाली में कई केस दर्ज थे। पुलिस की दबिश के दौरान ग्रामीणों लोका गांव के लोगों ने बर्बरता का आरोप लगाते हुये विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुछ घायल ग्रामीणों का मेडिकल भी कराया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने मामले में तहरीर सौंपकर 27 अक्टबूर तक कार्रवाई न करने पर पुलिस को चेतावनी दी थी। गुरुवार को इसी क्रम में विपक्षी दलों के साथ ग्रामीण धरने पर बैठ गये। 

जिले भर से आया पुलिस बल रहा तैनात

पुलिस के खिलाफ विपक्षी दलों का एकजुट होकर सर्वदलीय विरोध प्रदर्शन की चेतावनी के बाद पुलिस महकमा एलर्ट हो गया था। एहतियातन कोतवाली का गेट बंद कर भीतर आने-जाने वाले आंगतुकों के आवागमन के लिये विवरण दर्ज किया जा रहा था। जिले के तमाम अफसर कोतवाली में सुबह से ही डेरा डाले हुये थे। खुफिया विभाग भी सतर्क रहा। राजनैतिक दलों को समझाने के लिये पुलिस अफसरों की कई दौर की वार्ता विफल रही। जन आंदोलन के कारण कोतवाली में जमघट लगा रहा। इस दौरान कोतवाली पहुंचे फरियादियों को पुलिस के व्यस्त होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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