अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त पर खरीदारी न बैंड बाजा, लॉकडाउन के चलते घरों में सादगी से मनाया जाएगा पर्व

अक्षय तृतीया को खरीदारी व विवाह समारोह समेत अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त बताया गया है मगर इस बार खरीदारी के साथ ही विवाह के फेरों पर कोरोना का साया है। विवाह समारोह में केवल 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 11:40 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:40 AM (IST)
अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त पर खरीदारी न बैंड बाजा, लॉकडाउन के चलते घरों में सादगी से मनाया जाएगा पर्व
वृष राशि व मृगशिरा नक्षत्र के योग में अक्षय तृतीया ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष फलदायक होगी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शुक्रवार बड़ा पावन दिन होने जा रहा है। मुस्लिम समाज ईद मनाएगा तो हिंदू अक्षय तृतीया। अक्षय तृतीया को खरीदारी व विवाह समारोह समेत अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त बताया गया है, मगर इस बार खरीदारी के साथ ही विवाह के फेरों पर कोरोना का साया है। विवाह समारोह में केवल 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति है। इस कारण अधिकतर शादी टाल दी गई हैं।

श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक शुक्रवार को वृषभ संक्रांति भी रहेगी। वृष राशि व मृगशिरा नक्षत्र के योग में अक्षय तृतीया ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष फलदायक होगी। अक्षय का अर्थ अभी क्षय न होना है। इसलिए इस दिन नई वस्तु, सोने के आभूषण, रत्न, वाहन आदि खरीदने के साथ मांगलिक कार्य व अनुष्ठान आदि का विशेष महत्व है। हालांकि कोविड कफ्र्यू के कारण इस बार खरीदारी नहीं होगी। डा. जोशी के मुताबिक शुक्रवार को सूर्य शुक्र की राशि वृष में प्रवेश करेगा। जहां सूर्य की युति राहु के साथ होगी। इससे महामारी का प्रभाव कुछ कम होगा। भक्तों को शिव आराधना करनी चाहिए। अक्षय तृतीया पूजन का मुहूर्त सुबह 6ः20 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक रहेगा।

परशुराम जयंती पर सामूहिक आयोजन नहीं

अक्षय तृतीया पर परशुराम जयंती भी मनाई जाएगी। ब्राह्मण समाज के घरों में भगवान परशुराम का अभिषेक होगा। ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पंडित विवेक शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण सामूहिक आयोजन को स्थगित कर दिया गया है। परशुराम का प्राकट्य शाम प्रदोषकाल में हुआ था। इसे ध्यान में रखते हुए शाम को घरों में दीपक जलाए जाएंगे।

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