गौला बैराज की मरम्मत के प्रस्ताव पर एएफसी ने लगाई आपत्ति
बुधवार को सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक्सपेंडीचर फाइनेंसियल कमेटी (एएफसी) की बैठक में प्रस्ताव को आपत्तियां लगाकर वापस भेज दिया गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : गौला बैराज से हो रही पानी की बर्बादी रोकने की सिंचाई विभाग की मंशा पर पर फिलहाल आपत्ति लग गई है। बुधवार को सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक्सपेंडीचर फाइनेंसियल कमेटी (एएफसी) की बैठक में प्रस्ताव को आपत्तियां लगाकर वापस भेज दिया गया है। अब आपत्तियों को दूर कर फिर से प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
गौला पर बने बैराज पर हल्द्वानी शहर और ग्रामीण के साथ ही गौलापार क्षेत्र की पेयजल व सिंचाई व्यवस्था निर्भर है। मरम्मत के अभाव में बैराज काफी जर्जर हो चुका है। इससे रोजाना लाखों लीटर पानी बर्बाद रहा है। गर्मियों में पानी की बर्बादी नहीं रुकी तो पेयजल और सिंचाई के लिए संकट पैदा हो सकता है। पानी की इस बर्बादी को रोकने को वर्ष 2018 के जून माह में बैराज मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव कई बार आपत्तियां लगकर वापस सिंचाई विभाग के पास वापस आ गया। सभी आपत्तियों को दूर कर एक माह पहले 4.73 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। अफसरों के मुताबिक इस धनराशि से बैराज के डाउन स्ट्रीम में ग्रेनाइड स्टोन बिछाने के साथ ही ब्लॉक बदलने, ब्लॉक मरम्मत व गेट मरम्मत के काम होने हैं।
शुक्रवार को देहरादून में हुई एएफसी की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया। सिंचाई विभाग को उम्मीद थी कि प्रस्ताव को हरी झंडी मिलेगी। जिसके लिए अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह पतियाल, अधिशासी अभियंता तरुण बंसल समेत कई अफसर देहरादून में डेरा डाले थे।
एएफसी ने बैराज मरम्मत के प्रस्ताव पर आपत्तियां लगा दी हैं। अफसरों के मुताबिक चार-पांच दिन में प्रस्ताव के साथ ही आपत्तियों की लिखित जानकारी पहुंचेगी। इसके बाद आपत्तियां दूर कर फिर से प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा।
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