नंदादेवी बेस कैंप से लौटा साहसिक दल, कहा - होम स्टे बन सकता है आजीविका का अच्छा साधन

टीम लीडर दीपक बाफिला ने बताया कि इसके बाद दल मिलम ग्लेशयिर होकर नंदादेवी बेस कैंप पहुंचा। पहले दिन यात्रियों ने 15 किमी का ट्रेक पूरा किया। दूसरे दिन दस तथा तीसरे दिन मिलम गांव पहुंचे। मिलम गांव से गोरी गंगा पार करते हुए नंदादेवी बेस कैंप पहुंचे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 02:59 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 02:59 PM (IST)
नंदादेवी बेस कैंप से लौटा साहसिक दल, कहा - होम स्टे बन सकता है आजीविका का अच्छा साधन
होम स्टे में रहने के साथ ही उन्होंने स्थानीय भोजन का आनंद लिया।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : देवभूमि ट्रेकर्स का मिलम ग्लेशियर की साहसिक यात्रा पर गए आठ सदस्यीय दल साहसिक यात्रा सकुशल लौट आया है। दल में विभिन्न क्षेत्र के लोग शमिल थे। इन्होंने नंदादेवी बेस कैंप तक की यात्रा की। उन्होंने बताया कि प्रकृति को सबकुछ दिया है, लेकिन व्यवस्था ने कुछ भी नहीं दिया। होम स्टे लोगों की आजीविका का बेहतर साधन बन सकता है।  

बीते 21 सितंबर को केएमवीएन के एडवेंचर आफिसर रमेश कपकोटी ने जिले से दल को रवाना किया था। टीम लीडर दीपक बाफिला ने बताया कि इसके बाद दल मिलम ग्लेशयिर होकर नंदादेवी बेस कैंप पहुंचा। पहले दिन यात्रियों ने 15 किमी का ट्रेक पूरा किया। दूसरे दिन दस तथा तीसरे दिन मिलम गांव पहुंचे। मिलम गांव से गोरी गंगा पार करते हुए नंदादेवी बेस कैंप पहुंचे। यहां पर नंदा-सुनंदा पर्वत के दर्शन किए। यहां तक उन्होंने 53 किमी की पैदल यात्रा की। होम स्टे में रहने के साथ ही उन्होंने स्थानीय भोजन का आनंद लिया। इसके अलावा उनके रहन-सहन तथा रीति-रिवाज के बारे में जानकारी हासिल की।

3400 मीटर ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव मिलम में रहे। यहां इन दिनों पांच डिग्री तापमान चल रहा है। जाड़ों में यहां तापमान माइनस दस रहता है। ट्रेकरों ने नंदादेवी बेस कैंप में अपनी ट्रेक के सामान का उपयोग किया। दल में बंगलुरु से अमेजन के इंजीनियर नरेंद्र हरड़िया, अपूर्व साह दिल्ली से  डिजाइनर, हेम राज पांगती फोटोग्राफर, कार्तिक रावत नेवी ऑफिसर, प्रदीप जोशी व्यवसायी, सागर गढ़िया आदि शामिल थे।

chat bot
आपका साथी