चम्‍पावत में बस अड्डा बनवा कर भुगतान करना भूला प्रशासन, कार्यदायी कंपनी ढाई साल से लगा रही चक्‍कर

ठेकेदार पैसे की मांग कर रहे हैं तो मौजूदा प्रशासन संबंधित विभागों से भुगतान करने को कह रहा है। वहीं विभागों ने भी भुगतान किसी भी मद में न होने या फिर बजट न होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:01 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 04:01 PM (IST)
चम्‍पावत में बस अड्डा बनवा कर भुगतान करना भूला प्रशासन, कार्यदायी कंपनी ढाई साल से लगा रही चक्‍कर
डीएम एसएन पांडेय के कहने पर करीब 48 लाख की लागत से बस अड्डे को हॉटमिक्स किया गया।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : लोगों की सुविधा व जनता की वाहवाही लूटने के लिए करीब ढ़ाई साल पूर्व जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों व ठेकेदारों की मदद से लाखों रुपये की लागत से बस अड्डे का निर्माण तो करवा दिया लेकिन आज तक बस अड्डा बनाने वाले ठेकेदार का आज तक भुगतान नहीं किया। ठेकेदार पैसे की मांग कर रहे हैं तो मौजूदा प्रशासन संबंधित विभागों से भुगतान करने को कह रहा है। वहीं विभागों ने भी भुगतान किसी भी मद में न होने या फिर बजट न होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में ठेकेदार ने एक बार फिर प्रशासन से पैसे भुगतान की गुहार लगाई है।

चम्पावत शहर के बीचों बीच बना रोडवेज बस अड्डा लोगों व परिवहन निगम को काफी सहूलियत दे रहा है। बस अड्डा बनाने की भी अजीब कहानी है। पीडब्लूडी ने बस अड्डा बनाने के लिए परिवहन निगम को जमीन लीज पर दी। लेकिन समय पर काम शुरू न होने पर लीज निरस्त होने की बात होने लगी। परिवहन निगम के पास बजट नहीं था कि वह बस अड्डा बनवा सके। ऐसे में मौजूदा डीएम एसएन पांडेय ने सभी विभागों की मदद ली और अपने-अपने संसाधनों से कार्य करने को तैयार किया। एनएच ने ऑलवेदर रोड में कार्य कर रही शिवालया कंपनी से बस अड्डे में डामरीकरण का कार्य करने को तैयार किया। कंपनी ने डामरीकरण के लिए बजट की मांग की गई तो उस दौरान परिवहन निगम ने करीब 13 लाख का भुगतान शिवालया कंपनी को किया। बाकी का भुगतान बाद में किए जाने को कहा। 27 जनवरी 2019 को विधायक ने बस अड्डे का शुभारंभ किया। बाद में निजाम बदल गया। नए डीएम रणवीर सिंह चौहान आए और वह भी चले गए।

निगम के एमडी बनने पर उन्होंने बाकी बचे करीब 25 लाख के भुगतान को कराने का आश्वासन दिया लेकिन निगम की खस्ताहाल स्थिति को देख उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। पूर्व डीएम एसएन पांडे पुन: जनपद में आए और कंपनी ने पेमेंट की बात कही तो उन्होंने संबंधित विभागों से भुगतान करने को कहा तो उन्होंने भी विभाग से मामला जुड़े न होने की बात कहते हुए भुगतान करने से मना कर दिया। ऐसे में डीएम पांडेय फिर चले और उनकी जगह डीएम विनीत तोमर आ गए। लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद कंपनी को बकाया भुगतान नहीं हुआ। जबकि निगम बस अड्डे से प्रतिदिन हजारों की आय कर रहा है।

डीएम विनीत तोमर ने क‍हा क‍ि मेरे समय का मामला नहीं है। बस अड्डा कैसे और किस मद से बनवाया गया है। इसके बारे में पता कराया जा रहा है। शिवालया कंपनी को इसमें प्रत्यावेदन देने के लिए कहा गया है। जिससे पुरानी चीजों के बारे में पता चल सके।

प्रोजेक्ट हेड शिवालया कंपनी सुरेंद्र राणा का कहना है क‍ि डीएम एसएन पांडेय के कहने पर करीब 48 लाख की लागत से बस अड्डे को हॉटमिक्स किया गया। जिसमें करीब 13 लाख का भुगतान पूर्व में परिवहन निगम द्वारा किया गया। जिसके बाद अभी तक बकाया भुगतान नहीं हुआ है। जिला प्रशासन को इस संबंध में पुन: प्रत्यावेदन दिया गया है।

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