बैकलॉग के पदों को लेकर आरक्षण समर्थक संगठनों की सक्रियता बढ़ी

बैकलॉग के पदों के मामले में आरक्षण समर्थक संगठनों की लामबंदी तेज हो गई है। सांसद अजय भट्ट के कथित बयान के बाद इन संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। शिल्पकार सभा का आरोप है कि भट्ट ने बैकलॉग के पदों को समाप्त करने की पैरवी की है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:00 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:00 PM (IST)
बैकलॉग के पदों को लेकर आरक्षण समर्थक संगठनों की सक्रियता बढ़ी
बैकलॉग के पदों को लेकर आरक्षण समर्थक संगठनों की सक्रियता बढ़ी

नैनीताल, जागरण संवाददाता : सरकारी विभागों में बैकलॉग के पदों के मामले में आरक्षण समर्थक संगठनों की लामबंदी तेज हो गई है। सांसद अजय भट्ट के कथित बयान के बाद इन संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। शिल्पकार सभा का आरोप है कि भट्ट ने बैकलॉग के पदों को समाप्त करने की पैरवी की है।

दरअसल राज्य के सरकारी विभागों में बैकलॉग के हजारों पद रिक्त हैं। आरक्षण नियमों के अनुसार रिक्त पदों में 19 प्रतिशत अनुसूचित जाति के रिक्त होने चाहिये जबकि वास्तविकता में यह 26 प्रतिशत यानी सात प्रतिशत अतिरिक्त रिक्त पद हैं। अनुसूचित जनजाति के चार प्रतिशत पद रिक्त होने चाहिए मगर यह पांच प्रतिशत हैं। ओबीसी में 13 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जबकि 14 प्रतिशत होने चाहिए। मतलब ओबीसी के बैकलॉग पद रिक्त नहीं हैं।

राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बैकलॉग के पदों को भरने का अभियान शुरू हुआ, जो वर्तमान भाजपा सरकार में भी जारी है। मगर बैकलॉग के बड़ी संख्या में पद भरे नहीं जा सके हैं। इधर शिल्पकार सभा का कहना है कि सांसद अजय भट्ट ने इंटरनेट मीडिया में बयान दिया है कि बैकलॉग के पद समाप्त कर दिए हैं। अध्यक्ष संजय कुमार संजू ने इसे निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास का दंभ भरने वाली सरकार एससीएसटी समाज के अधिकारों का हनन कर रही है।

राजस्व उपनिरीक्षक के पदों की विज्ञप्ति निरस्त हो

शिल्पकार सभा ने आरोप लगाया कि हाल ही में राज्य में उपनिरीक्षक राजस्व के 149 पदों पर भर्ती की जिलेवार निकाली विज्ञप्ति में आरक्षण नियमों का घोर उल्लंघन किया गया है। अध्यक्ष संजय कुमार संजू के अनुसार इन पदों पर 19 फीसद एससी व चार प्रतिशत एसटी के होने चाहिए थे , जबकि विज्ञप्ति के अनुसार 14.28 पद एससी व 2.72 पद ही एसटी के लिए आरक्षित किये हैं। उन्होंने इस विज्ञप्ति के निरस्त कर संशोधित विज्ञप्ति जारी करने की मांग की है। चेताया है कि यदि यह नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

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