तीन शादी छिपाकर चौथी की, चौथी पत्‍नी पर भी बेरहमी, जमानत याचिका खारिज

नैनीताल जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने तीन शादियां करने के बाद चौथी शादी कर महिला का दहेज के लिए उत्पीड़न करने और जबरन गर्भपात कराने के आरोपित पति की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:27 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:27 PM (IST)
तीन शादी छिपाकर चौथी की, चौथी पत्‍नी पर भी बेरहमी, जमानत याचिका खारिज
तीन शादी छिपाकर चौथी की, चौथी पत्‍नी पर भी बेरहमी, जमानत याचिका खारिज

नैनीताल, जागरण संवाददाता : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने तीन शादियां करने के बाद चौथी शादी कर महिला का दहेज के लिए उत्पीड़न करने और जबरन गर्भपात कराने के आरोपित पति की जमानत अर्जी खारिज कर दी। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि इसी साल 21 जुलाई को किरन कम्बोज पुत्री तीरथ कम्बोज निवासी ग्राम छोराजाली कालाढूगी ने कालाढूंगी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

किरन के अनुसार उसकी शादी 23 जुलाई 2020 को रवि अनेजा पुत्र जगदीश निवासी, सिंह कालोनी गली नंबर -500, 3ए रुद्रपुर के साथ हुई। शादी के बाद किरन को पता चला कि उसके पति रवि ने तीन-तीन युवतियों शादी रचाई है और धोखे में रखकर मुझसे शादी की, जिसकी सूचना किरन ने अपने पिता को दी। परिवारजनों को जब इस बात का पता चला तो रवि व उसके परिवार वालों से बातचीत की तो पहले वह साफ मुकर गये फिर तीन शादी करने की बात स्‍वीकार की। सास रमेश रानी, ननद सोनम खुराना ने मेरे पति साथ मिलकर मुझे प्रताड़ित किया।

दहेज में कार व पांच लाख मांगने लगे। तीन शादियों की स्वीकृति के बाद भी मना करने पर मुझसे जोर जबरदस्ती ये संबंध बनाया। गर्भवती होने पर गोली आदि खिलाकर गर्भपात कराया। साथ ही मारपीट व दुर्व्यवहार करने लगे। मायके जाना भी बंद करवा दिया। उसे घर के अंदर बंद करके रखने लगे। फिर किसी तरह फोन कर भाई गौरव कम्बोज को बुलाया और पिता के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर किसी तरह बचकर अपने मायके आ गयी।

तब से पिता के घर पर निवास कर रही हूँ। अब उसे ससुरालियों व पति से जान का खतरा बना हुआ है। महिला ने बयान दिया है कि शादी के बाद पता चला कि पति ने मुझसे पहले तीन लड़कियों से शादी की हुई है, मेरे से बात छुपायी है। कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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