युवती को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपित की जमानत नामंजूर
जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपित दीप चंद्र निवासी ग्राम रियाड़ मल्ला पट्टी तल्लाकोटा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।पुलिस ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ धारा-306 के तहत केस दर्ज किया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपित दीप चंद्र निवासी ग्राम रियाड़ मल्ला, पट्टी तल्लाकोटा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।मंगलवार को डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि 25 फरवरी को मुन्ना लाल निवासी तल्लाकोटा द्वारा दीप चंद्र के खिलाफ केस दर्ज कराया, जिसमें कहा कि 21 फरवरी को उसकी 23 साल की बेटी लापता हो गई। खोजबीन की तो पता नहीं चला।
सुबह करीब आठ बजे मुन्ना लाल के मोबाइल पर आरोपित दीप चंद्र की कॉल आई कि माया ने जहरीले पदार्थ खा लिया है। उसे एसटीएच में उपचार को ले गए हैं। आरोप लगाया कि आरोपित उसकी बेटी को रात में भगा ले गया था। वह अवैध संबंध बनाना चाहता है। अस्पताल में बेटी की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपित के खिलाफ धारा-306 के तहत केस दर्ज किया। कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मंगलवार को डीजे कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
नियामतपुर को अलग करने के खिलाफ याचिका, हाई कोर्ट में सुनवाई
हाई कोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर तहसील अंतर्गत मिर्जापुर सादाब गांव से नियामतपुर को अलग करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निदेशक पंचायती राज को एक सप्ताह के भीतर प्रत्यावेदन देने को कहा। साथ ही निदेशक को प्रत्यावेदन छह सप्ताह में निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकपीठ में गांव के ही पवन सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना है कि मिर्जापुर सादाब व नियामतपुर पूर्व में पृथक-पृथक ग्राम सभाएं थीं। लेकिन उप्र पंचायती राज अधिनियम के तहत 1994 में दोनों ग्राम सभाओं का विलय कर दिया गया। नई ग्राम सभा मिर्जापुर सादाब के नाम से जाने जाने लगी। तभी से दोनों गांवों की एक ही ग्रामसभा चली आ रही है। नियामतपुर को पृथक ग्राम सभा घोषित किया जाए।