फोन पर रंगदारी मांगने के लिए सिम उपलब्ध कराने के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज
प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने सितारगंज जेल में बंद बदमाश को फिरौती मांगने के लिए मोबाइल उपलब्ध कराने वाले आरोपित महेंद्र गंगवार पुत्र सोनपाल निवासी खेड़ा उधमसिंह नगर की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने सितारगंज जेल में बंद बदमाश को फिरौती मांगने के लिए मोबाइल उपलब्ध कराने वाले आरोपित महेंद्र गंगवार पुत्र सोनपाल निवासी खेड़ा उधमसिंह नगर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। बुधवार को डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया। कहा कि पहली फरवरी को शिकायतकर्ता रीता खण्डेलवाल पत्नी स्व पंकज खण्डेलवाल निवासी-14 पालम सिटी, हल्द्वानी जयगुरु ज्वलैर्स हल्द्वानी को फोन पर 50 लाख देने की मांग की गई। रंगादारी न देने पर बच्चों के साथ जान से मारने की धमकी दी गई। वारदात की रिपोर्ट धारा-386, 506, 120बी के तहत दर्ज हुई।
पुलिस ने जब घटना में प्रयुक्त नंबर की छानबीन शुरू की तो पता चला कि वह अभियोजन साक्षी दुर्गा प्रसाद का नंबर है। उसने पूछताछ में बताया कि कभी इस नंबर का प्रयोग ही नहीं किया है। उसका सिम बंद था। आरोपित महेन्द्र गंगवार जो एयरटेल सिम बेचने का काम करता था, उसने सिम खोलने के एवज में उसका आधार कार्ड, हस्ताक्षर व प्रपत्र लेकर उसे एक्टिव किया था। उसके बाद सह अभियुक्तों नरेन्द्र, दीपक राठौर, अंकित यादव व अंजलि ने उस सिम को सितारगंज जेल में हत्यारोपी दीपक राठौर तक पहुंचाने की साजिश की। जिसके बाद उसी सिम से सितारगंज जेल में बंद हत्यारोपी दीपक राठौर ने फोन कर ज्वैलर से रंगदारी मांगने के लिए फोन किया। जिसके बाद कोर्ट ने हत्यारोपी दीपक राठौर को जेल में सिम उपलब्ध कराने एवं सिम द्वारा फिरौती की मांग पर धमकी देने के आरोप को गंभीर पाते हुए महेन्द्र गंगवार का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया।
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