कोरोना गाइडलाइंस को दरकिनार नैनीाताल पहुंचा आदिवासी बच्चों का दल
महामारी की गाइडलाइंस से बेपरवाह चिल्ड्रन ऑफ फारेस्ट पीवीटीजी ग्रुप में 24 बड़े और छोटे बच्चे शामिल है। इन छोटे बच्चों की आयु आठ साल से लेकर 15 साल तक है। इन सभी का कहना है कि हम फॉरेस्ट को बचाने के उद्देश्य से यहां साइकिल यात्रा कर आये हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : आदिवासी बच्चों का एक दल छह प्रदेशों को पार कर साइकिल से यहां आया है। महामारी की गाइडलाइंस से बेपरवाह चिल्ड्रन ऑफ फारेस्ट पीवीटीजी ग्रुप में 24 बड़े और छोटे बच्चे शामिल है।इन छोटे बच्चों की आयु आठ साल से लेकर 15 साल तक है। इन सभी का कहना है कि हम फॉरेस्ट को बचाने के उद्देश्य से यहां साइकिल यात्रा कर आये हैं। ये सभी बच्चे आदिवासी है। जिन्हें समाज का हिस्सा बनाने की मुहिम गणित विशेषज्ञ कालिदास वर्मसीधर ने छेड़ी है। उनका कहना है कि ये बच्चे आदिवासी जंगली प्रव्रत्ति के है । जिन्हें यू ही नही छोड़ा जा सकता इनके पास न तो कपड़े थे, ना इनका रहन सहन हम जैसा है ये कच्ची सब्जियां मांस इत्यादि खाते है।
छह फरवरी से ये दल आंध्रप्रदेश से निकला है। कालिदास का कहना है कि दल को बीडी पांडे अस्पताल लाया गया, जहां सभी की जांच इत्यादि की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। पीएमएस डॉ केएस धामी द्वारा सभी मेडिकल सुविधाएं भी इस दल को उपलब्ध करवा दी है।
दूसरी तरफ 24 लोगो के इस दल का छह राज्यों को पार करते हुए नैनीताल पहुंचना सरकारी तंत्र की पोल खोलता नज़र आ रहा है।अभी हाल ही में सरकार ने पूरे देश को कोरोना को लेकर फिर अलर्ट किया था। कई राज्यों की सीमाओं में सख्ती की जा रह है। बॉर्डर पर ही बाहरी लोगों की जांच की जा रही है। राज्य सरकार ने राज्य की सभी सीमाओं पर चेकिंग अभियान चलाया है। साथ ही बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी अनिवार्य है। दल में किसी के पास पैरों को सुरक्षित रखने के लिए चप्पल या जूते भी नही है । इन सभी को हिंदी भी नही आती। ये दल आंध्रप्रदेश तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश ,उत्तराखंड आया है।
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