उत्तराखंड की जेलों से पैरोल पर रिहा होंगे 791 बंदी, उच्चस्तरीय समिति की बैठक में संस्तुति

जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को देखते 106 सिद्धदोष बंदियों एवं 685 सजायाफ्ता बंदियों को तीन माह के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत देने की संस्तुति की गई। साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल एवं सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत दिशानिर्देशों का पालन करने को भी कहा गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:59 PM (IST)
उत्तराखंड की जेलों से पैरोल पर रिहा होंगे 791 बंदी, उच्चस्तरीय समिति की बैठक में संस्तुति
कैदी कोरोना संक्रमित हैं, उनकी पूरी देखभाल की जाए तथा उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देशों के अनुरूप ही छोड़ा जाए।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्चतम न्यायालय व उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बैठक हुई। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा कार्यालय में सजायाफ्ता एवं सिद्धदोष कैदियों की रिहाई हेतु वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समिति की बैठक में सचिव गृह नितेश कुमार झा, आईजी कारागार अंशुमान, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरके खुल्बे शामिल हुए।

 बैठक में कोरोनाकाल के दौरान जेलों में कैदियों की अधिक संख्या को देखते 106 सिद्धदोष बंदियों एवं 685 सजायाफ्ता बंदियों को तीन माह के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत देने की संस्तुति की गई। साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल एवं सरकार द्वारा समय समय पर निर्गत दिशानिर्देशों का पालन करने को भी कहा गया है।

सदस्य सचिव ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा यह आदेश दिया गया है कि जो कैदी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, उनकी पूरी देखभाल की जाए तथा उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप ही छोड़ा जाए। समिति द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि जेलों में निरुद्ध कैदियों के स्वास्थ्य की परस्पर जांच की जाए तथा उनके टीकाकरण पर जोर दिया जाए। समिति द्वारा उपरोक्त आदेशों का अनुपालन दो सप्ताह के अन्दर कर अनुपालन आख्या शीघ्र समिति को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।

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