बागेश्वर में गंदा पानी तालाब में छोड़ने पर 600 मछलियां मरीं, मत्स्य पालक ने मांगा मुआवजा

मनरेगा के तहत लगभग 1.60 लाख रुपये की लागत से तालाब बनाया। जिसमें 13 हजार मछली का बीज भी डाला। लगभग 650 मछलियां पाली और वह लगभग 35 किलोग्राम की हो गई थी। खड़िया खुदान क्षेत्र से गंदा पानी छोड़ा गया। जिसके कारण उनकी मछलियां मर गईं हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:51 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:51 PM (IST)
बागेश्वर में गंदा पानी तालाब में छोड़ने पर 600 मछलियां मरीं, मत्स्य पालक ने मांगा मुआवजा
ग्राम प्रधान हरीश चंद्र चौहान के नेतृत्व में अल्मोड़ा मैग्नेसाइट के प्रबंधक से मुलाकात की।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : चिड़ंग में मत्स्य तालाब में 600 से अधिक मछलियां मर गई है। मछली पालक ने खड़िया खदान क्षेत्र से आए गंदे पानी के कारण मछली मरने का आरोप लगाया है। उन्होंने जिलाधिकारी से मुआवजे की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

चिड़ंग गांव निवासी मधन सिंह चौहान ने बताया कि अल्मोड़ा मैग्नेसाइट की खड़िया खान गांव में स्थित है। वह लॉकडाउन के के दौरान घर आए और स्वरोजगार करने का निर्णय लिया। मनरेगा के तहत लगभग 1.60 लाख रुपये की लागत से तालाब बनाया। जिसमें 13 हजार मछली का बीज भी डाला। लगभग 650 मछलियां पाली और वह लगभग 35 किलोग्राम की हो गई थी। खड़िया खुदान क्षेत्र से गंदा पानी छोड़ा गया। जिसके कारण वह तालाब तक पहुंच गया। जिससे उनकी मछलियां मर गईं हैं। जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है। वह इसबीच फिर से 2500 रुपये व्यय कर मछली का बीज लाए हैं। यदि खदान क्षेत्र से फिर गंदा पानी आया तो वह भी मर जाएंगी।

नुकसान की भरपाई के लिए ग्राम प्रधान हरीश चंद्र चौहान के नेतृत्व में अल्मोड़ा मैग्नेसाइट के प्रबंधक से मुलाकात की। उन्होंने नुकसान का मुआवजा देने का भरोसा दिलाया। लेकिन अब वह फोन तक नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मछली बाजार में 450 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रही हैं। जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है और उन्हें भारी नुकसान हुआ है।

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