हल्द्वानी जेल से रिहा किए जाएंगे 499 कैदी, नैनीताल जिले के 174 और ऊधम सिंह नगर के 325 कैदियों को भेजने की तैयारी
हल्द्वानी उप कारागार के जेलर संजीव ह्यांकी ने बताया कि ऊधम सिंह नगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को 265 विचाराधीन व 60 दोष सिद्ध कैदियों व नैनीताल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को 144 विचाराधीन व 28 सजायाफ्ता कैदियों की सूची भेजी गयी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण के खतरे को देख जेलों में कैदियों की संख्या घटाने के लिए हाइपावर कमेटी के आदेश के बाद हल्द्वानी जेल से कुल 499 कैदियों की सूची जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी गयी है। प्राधिकरण के आदेश पर जेल प्रशासन इनको तीन महीने की पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने की कार्रवाई करेगा।
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों को हाइपावर कमेटी का गठन करने के आदेश दिए हैं। राज्य की हाइपावर कमेटी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से जेलों में निरुद्ध ऐसे कैदियों की सूची मांगी है, जिनको तीन महीने की पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल प्रशासन से सात साल से कम सजा की धारा में आरोपित या सजायाफ्ता कैदियों की सूची मांगी है।
हालांकि छेड़छाड़, गैंगस्टर, भ्रष्टाचार, दुष्कर्म आदि कुछ धाराओं के कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर नहीं किया जाना है। हल्द्वानी उप कारागार के जेलर संजीव ह्यांकी ने बताया कि ऊधम सिंह नगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को 265 विचाराधीन व 60 दोष सिद्ध कैदियों व नैनीताल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को 144 विचाराधीन व 28 सजायाफ्ता कैदियों की सूची भेजी गयी है। प्राधिकरण के आदेश मिलने पर कैदियों को 90 दिन की अंतरिम जमानत या पैरोज पर रिहा करने की अनुमति दी जाएगी।
पिछले साल छोड़े 159 कैदी नहीं लौटे कारागार
कोविड काल शुरू होने पर पिछले साल भी हल्द्वानी उप कारागार से कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था। जेल प्रशासन के मुताबिक पिछले साल 210 विचाराधीन और 79 सजायाफ्ता कैदियों को छह माह की अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किया गया था। इसमें से 135 विचाराधीन और 24 सजायाफ्ता कैदी जमानत अवधि समाप्त होने के कई माह बाद भी नहीं लौटे हैं। इसमें ऊधम सिंह नगर व उत्तरप्रदेश के जिलों में रहने वाले कैदी है। नैनीताल जिले के सभी कैदी निर्धारित अवधि खत्म होने पर लौट आए थे। अब तक नहीं लौटे कैदियों को पकडऩे के लिए उनके गृह क्षेत्र के पुलिस अफसरों को पत्राचार किया गया है।
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