पिथौरागढ़ में 49 सड़कें बंद, डीएम ने फंसे लोगों को निकालने के लिए शासन से मांगा हेलीकॉप्टर

जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने एनएच पर फंसे लोगो को निकालने के लिए शासन से हैलीकॉप्टर की मांग कर जिले मेंं आपदा की स्थिति से अवगत कराया। वहीं एनएच बंद होने के कारण विकल्प बना अल्मोड़ा-सेराघाट-बेरीनाग मार्ग सेराघाट के निकट जोलियाखेत के पास चट्टान दरकने से बंद हो गया है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:27 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:27 PM (IST)
पिथौरागढ़ में 49 सड़कें बंद, डीएम ने फंसे लोगों को निकालने के लिए शासन से मांगा हेलीकॉप्टर
मार्ग बंद होने से उच्च हिमालयी दारमा में फंसे अधिकारियों से वार्ता कर उनके रहने और भोजन की व्यवस्था कराई।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : भारी बारिश से जिले में बंद 56 सड़कों में सात सड़क यातायात के लिए खोल दी गई है। जिलाधिकारी ने शासन से फंसे लोगों को निकालने के लिए हैलीकॉप्टर की मांग की है। सभी तहसीलों से जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। मार्ग बंद होने से उच्च हिमालयी दारमा में फंसे अधिकारियों से वार्ता कर उनके रहने और भोजन की व्यवस्था कराई।

जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने एनएच 125 टनकपुर -तवाघाट को जल्दी खोलने के निर्देश दिए हैं। फंसे लोगो को निकालने के लिए शासन से हैलीकॉप्टर की मांग कर जिले मेंं आपदा की स्थिति से अवगत कराया। जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग शीघ्र खोलने के लिए एसडीएम धारचूला और बीआरओ कमांडर को दो दिन के भीतर मार्ग का निरीक्षण कर मार्ग खोलने के लिए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

दारमा मार्गमें कंच्योती के पास बहे पुल के स्थान पर अविलंब वैली ब्रिज बनाने , चीन सीमा से लगी दारमा घाटी में चल और सेला में ट्राली निर्माण के लिए मुख्य अभियंता लोनिवि अल्मोड़ा को कहा गया है। मानसून काल को देखते हुए जिले में चार अतिरिक्त ट्राली रखने को कहा गया है।

रविवार को जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने उच्च हिमालयी दारमा घाटी में प्रशिक्षण के लिए गए विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी बात करते उनके रहने और भोजन की व्यवस्था कराई। अधिकारी और कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए करीब 17 लोग दारमा घाटी के दुग्तू गांव में है। दारमा घाटी को जोडऩे वाला मार्ग बंद होने से फंसे हैं। यह मार्ग तवाघाट से सोबला और सोबला से बालिंग तक कई स्थानों पर बंद हो चुका है। जिसके चलते अभी अधिकारियों और कर्मचारियों का वापस लौटना संभव नहीं है। प्रशिक्षण में उच्च हिमालय में गए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के रहने और भोजन की व्यवस्था ग्राम प्रधान दांतू जमन सिंह दताल और रवि पतियाल, वैज्ञानिक शीतजल मत्स्यकीय भीमताल सहित ग्रामीणों ने की है। सभी कुशल और सुरक्षित हैं।

चट्टान खिसकने से अल्मोड़ा - सेराघाट- बेरीनाग मार्ग भी बंद

एनएच बंद होने के कारण विकल्प बना अल्मोड़ा-सेराघाट-बेरीनाग मार्ग सेराघाट के निकट जोलियाखेत के पास चट्टान दरकने से बंद हो गया है। मार्ग के सोमवार सायं तक खुलने के आसार हैं। मार्ग बंद होने से भारी संख्या मेंं वाहन फंसे हैं।

अल्मोड़ा- बेरीनाग मार्ग में रविवार की सायं सेराघाट के निकट जोलियाखेत में विशाल चट्टान टूटने से मलबा आ गया है। मार्ग बंद होने की सूचना मिलते ही पुलिस , लोनिवि अधिकारी कर्मचारी और राजस्व टीम मौके पर पहुंच चुकी है। यहां पर दो किमी लंबा जाम लग गया है। टनकपुर -तवाघाट एनएच के घाट के पास बंद होने से इन दिनों इसी मार्ग से वाहनों का संचालन हो रहा है। पिथौरागढ से वाहन वाया थल बेरीनाग सेराघाट होकर अन्य जिलो और मैदानी क्षेत्रो के लिए जा रहे हैं। इस मार्ग से वाहनों को जिला मुख्यालय से आने जाने में लगभग 60 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। रविवार को इस मार्ग के बंद होने से वाहनों का संचालन संभव नहीं है।

एनएच और सेराघाट मार्ग बंद होने के बाद अब विकल्प के तौर पर वाया थल , चौकोडृ़ी , बागेश्वर होते हुए मार्ग रह गया है। इस मार्ग से वाहन संचालन होने पर वाहनों अल्मोड़ा , हल्द्वानी जाने के लिए नब्बे किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी। सेराघाट मार्ग बंद होने से सोमवार को जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी संभव नहीं है।

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