उत्तराखंड के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए जुटाने होंगे सालाना 4800 करोड़
चुनाव में रोजगार हर बार अहम मुद्दा रहता है। रोजगार के अवसर कम हुए तो बेरोजगारी को चुनावी मौके के रूप में भुनाया जाने लगा है। उत्तराखंड में राजनीतिक जमीन तैयार कर रही आम आदमी पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे को लपकने का प्रयास किया है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : चुनाव में रोजगार हर बार अहम मुद्दा रहता है। रोजगार के अवसर कम हुए तो बेरोजगारी को चुनावी मौके के रूप में भुनाया जाने लगा है। उत्तराखंड में राजनीतिक जमीन तैयार कर रही आम आदमी पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे को लपकने का प्रयास किया है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने पर उत्तराखंड के बेरोजगारों को पांच हजार रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है। इस लिहाज से प्रदेश के आठ लाख से अधिक बेरोजगारों के लिए सालाना 4800 करोड़ बजट की जरूरत होगी। यह भारी भरकम रकम जुटाना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
पिछले पांच वर्षों में उत्तराखंड में प्रशिक्षित बेरोजगारों की संख्या आठ लाख से अधिक रही है। 2016-17 में तो संख्या 9.26 लाख तक पहुंच गई थी। बाद में सरकार ने बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया। फिर कोरोना में लॉकडाउन की वजह से कई युवाओं का पंजीकरण नवीनीकरण की तिथि पार कर गया तो संख्या कुछ कम हो गई। आठ लाख बेसिक डाटा माना जाए तो पांच हजार रुपये प्रति बेरोजगार की दर 400 करोड़ रुपये हर माह जरूरत होगी। विशेषज्ञों की मानें तो यह भारी भरकम राशि जुटाने के लिए सरकार को कई स्तर पर बड़े बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।
राज्य के बजट का गणित बिगाड़ेगा भत्ता
बेरोजगारी भत्ते की सालाना 4800 करोड़ की राशि उत्तराखंड के कई अहम सेक्टर के बजट से अधिक है। 2020-21 के लिए उत्तराखंड का बजट 57400 करोड़ रुपये से अधिक था। इसके साथ ही 50 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। बजट में चिकित्सा व अनुसंधान के लिए 3188 करोड़, खेती व अनुसंधान के लिए 1108 करोड़ का प्रविधान किया था। ऐसे में बेरोजगारी भत्ते का बजट दोनों के जोड़ से अधिक होगा। 4800 करोड़ की राशि प्रदेश के सालाना बजट का 8.36 फीसद है। उत्तराखंड में बजट का 13.03 फीसद सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन में जाता है। इसके 65 प्रतिशत के बराबर हिस्सा भत्ते में जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं, अगर आय के स्रोत विकसित नहीं कर पाए तो ऐसा करना असंभव ही रहेगा।
उत्तराखंड में रोजगार की स्थिति
वित्तीय वर्ष बेरोजगार रोजगार
2016-17 926308 2773
2017-18 891141 7489
2018-19 829139 5678
2019-20 778077 2709
2020-21 807722 1398
(नोट: आंकड़े सेवायोजन निदेशालय के अनुसार)
हरीश रावत ने की थी भत्ते की शुरुआत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड बेरोजगारी भत्ते की शुरुआत की थी। 2012 में सत्ता में आए रावत ने इंटरमीडिएट से ऊपर की शिक्षा लेने वाले बेरोजगारों को 750 से 1500 रुपये तक भत्ता दिया। करीब तीन साल बाद बजट के अभाव में भत्ता दिया जाना बंद हो गया। भत्ते के लिए कई शर्तें थी। जिस कारण 25 फीसद तक युवा ही इसके दायरे में आ पाए थे।