Forest Guard Recruitment : पुरुष वर्ग में 413 अभ्यर्थियों ने लगाई दौड़, 369 हुए क्वालीफाई
Forest Guard Recruitment वन आरक्षी शारीरिक परीक्षा के दूसरे दिन युवाओं ने तपती धूप में 25 किमी तक नौकरी के लिए दौड़ लगाई। पानी व एनर्जी ड्रिंक पीते हुए चार घंटे में दौड़ पूरी की। जिसमें वन विभाग क्रीड़ा मेडिकल व पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने सहयोग किया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Forest Guard Recruitment :वन आरक्षी शारीरिक परीक्षा के दूसरे दिन युवाओं ने तपती धूप में 25 किमी तक नौकरी के लिए दौड़ लगाई। पानी व एनर्जी ड्रिंक पीते हुए चार घंटे में दौड़ पूरी की। जिसमें वन विभाग, क्रीड़ा, मेडिकल व पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने सहयोग किया। कुल 369 लोगों ने दूसरे दिन क्वालीफाई किया।
गौलापार स्थित स्टेडियम में बुधवार को पुरुष वर्ग के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा कराई गई। सुबह सात बजे से ही मौके पर अभ्यर्थी पहुंचने लगे। 10 बजे तक दौड़ शुरू हो सकी। भर्ती स्थल पर प्रवेश के लिए भीड़ ज्यादा होने के चलते अभ्यर्थियों के पसीने छूट गए। लाइन लगाकर लंबे इंतजार के बाद सभी को अंदर बुलाया गया। चार घंटे की दौड़ में अभ्यर्थी पूरे उत्साह के साथ दौड़े।
काशीपुर से आए उमेश कुमार ने बताया कि उन्होंने पूरे समय सिर्फ तेज कदमों से वाकिंग की। बिना दौड़े ही साढ़े तीन घंटे में रेस पूरी कर ली। धारचूला के धर्मेंद्र सिंह ने भी साढ़े तीन घंटे में दौड़ पूरी की। इस मौके पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी, अनुसचिव राजन नैथानी, निजी सचिव हरीश नौटियाल, पुलिस उपनिरीक्षक कवींद्र शर्मा आदि ने सहयोग किया।
413 दौड़े, 79 रहे गैरहाजिर
वन आरक्षी की शारीरिक परीक्षा में कुल 500 लोगों को शामिल होना था। जिसमें मात्र 421 लोग ही उपस्थित हो सके। जबकि आठ अभ्यर्थी शारीरिक नापजोख में बाहर हो गए। कुल 413 ने दौड़ लगाई। अधीनस्थ सेवा आयोग के अनुसचिव राजन नैथानी ने बताया कि 369 प्रतियोगी क्वालीफाई हुए। जबकि 44 डिसक्वालीफाई हो गए। ललित सिंह बोरा सबसे तेज दौड़े। उन्होंने दो घंटे 22 मिनट में ही दौड़ पूरी कर ली।
नौ अभ्यर्थी गिरे, 22 ने किया क्विट
वन आरक्षी की दौड़ में नौ अभ्यर्थी रास्ते में ही गिर पड़े। जिन्हें एंबुलेंस में भर्ती किया गया। डा. भूपेंद्र घटियाल ने बताया कि रुद्रपुर निवासी बृजेश मिश्रा की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। पानी की कमी के चलते डिहाइड्रेशन हो गया था। बाद में स्थिति में सुधार हुआ। वहीं, दौड़ के दौरान कुल 22 लोगों ने खुद ही क्विट कर दिया। जिससे वह दौड़ से बाहर हो गए।
पहली बार हुई डिजिटल दौड़
वन आरक्षी भर्ती में पहली बार शारीरिक परीक्षा के दौरान डिजिटल तरीके से दौड़ का मापन किया गया। जिसमें अभ्यर्थी के दोनों पैरों में बैंड के जरिये चिप लगाई गई। इसके अतिरिक्त सेंसर मैट व अत्याधुनिक तरीके से दौड़ के चक्कर व समय का मूल्यांकन किया गया।