नैनीताल में अब आंधी तूफान से नहीं जाएगी बिजली, 30 किमी तार बदला जाएगा
नैनीताल के आधे इलाके में सूखाताल सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति होती है। अक्सर पेड़ों की टहनी टूटने से तार टूटता है तो आपूर्ति बाधित हो जाती है। अब ऊर्जा निगम ने इसके स्थाई समाधान के लिए योजना बनाई है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : नैनीताल के आधे इलाके में सूखाताल सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति होती है। अक्सर पेड़ों की टहनी टूटने से तार टूटता है तो आपूर्ति बाधित हो जाती है। अब ऊर्जा निगम ने इसके स्थाई समाधान के लिए योजना बनाई है। 44 लाख की लागत से सूखाताल आने वाली 30 किलोमीटर से अधिक लाइन का तार बदला जाएगा।
नैनीताल में सूखाताल सब स्टेशन व पाइंस सब स्टेशन से बिजली की आपूर्ति होती है। शहर में घरेलू व व्यावसायिक समेत दस हजार से अधिक कनेक्शन हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर से नैनीताल को विशेष दर्जा हासिल होने की वजह से कटौती मुक्त श्रेणी में रखा गया था। हाईकोर्ट, राजभवन, कमिश्नरी समेत अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय व संस्थान तथा पर्यटन नगरी होने के कारण ऊर्जा निगम के अफसरों पर निर्बाध बिजली आपूर्ति का दबाव रहता है। साथ ही आपूति बाधित होने के बाद जल्द उसे जोड़ने की अपेक्षा रहती है।
हालिया सालों में अक्सर बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है। खासकर तेज हवाओं के चलते, बारिश आदि में पेड़ या पेडों की टहनी गिरने से मेहरागांव से आने वाली 33 केवी लाइन के तार टूट जाते हैं। जिससे बिजली गुल हो जाती है। कई बार तो फॉल्ट का पता लगाने में ही कर्मचारियों को घंटों जंगल की खाक छाननी पड़ती है। मेहरागांव से सूखाताल को लाइन भवाली, ज्योलीकोट, रूसी, खुर्पाताल से होते हुए 30 किलोमीटर से अधिक है।
इस 33 केवी लाइन को करीब तीन दशक पहले बिछाया गया था। अधिशासी अभियंता हारून राशिद के अनुसार इस लाइन का तार पुराना होने के करण अक्सर टहनी गिरने से टूट रहा है। जिस कारण दिक्कत हो रही है। अब इस लाइन को बदला जा रहा है। इस पर 44 लाख खर्च होगा। एसडीओ प्रियंक पांडेय ने बताया कि तार बदलने का अनुबंध हो चुका है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
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