कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाद सीतावनी जोन बन रहा पर्यटकों की पसंद, तीन माह में 25 हजार सैलानी पहुंचे
कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाद सीतावनी पर्यटन जोन पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यही वजह है कि तीन महीने के भीतर ही 25 हजार से अधिक पर्यटक सीतावनी पर्यटन जोन में सफारी के लिए पहुंचे। पर्यटकों के आने से सरकार को भी अच्छी खासी आय हुई है।
रामनगर, जागरण संवाददाता : कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाद सीतावनी पर्यटन जोन पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। यही वजह है कि तीन महीने के भीतर ही 25 हजार से अधिक पर्यटक सीतावनी पर्यटन जोन में सफारी के लिए पहुंचे। पर्यटकों के आने से सरकार को भी अच्छी खासी आय हुई है।
रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सीतावनी पर्यटन जोन में पर्यटक सफारी के लिए पहुंचते हैं। इस जोन में बाघ, हाथी, गुलदार, चीतल, सरीसृप, भालू समेत वह सभी वन्य जीव मौजूद हैं, जो कॉर्बेट में पाए जाते हैं। इसके अलावा पक्षियों की भी अच्छी खासी प्रजातियों की यहां मौजूदगी है। मां सीता का प्राचीन मंदिर होने व साल सागौन के जंगल से आच्छादित इस पर्यटन जोन का महत्व और भी बढ़ रहा है।
पिछले साल 15 अक्टूबर को सीतावनी जोन पर्यटकों के लिए खोला गया था। 15 जनवरी तक इन तीन महीनों में 25691 पर्यटकों से सरकार को 37 लाख रुपये का राजस्व मिला है। 13 विदेशी पर्यटक भी सीतावनी में सफारी के लिए पहुंचे थे। वन विभाग से मिले आंकड़े के मुताबिक अक्टूबर माह में 3401 पर्यटक, नवंबर माह में 8582 पर्यटक और दिसंबर माह में 13708 पर्यटक सीतावनी जोन में जिप्सी सफारी के लिए पहुंचे थे।
दो पालियों में सफारी करते हैं पर्यटक
सीतावनी पर्यटन जोन में सुबह व शाम की पाली में पर्यटक सफारी के लिए जाते हैं। बीट अधिकारी वीरेंद्र पांडे ने बताया कि जंगल में सफारी के लिए जिप्सी का शुल्क ढाई सौ रुपये व प्रति पर्यटक सौ रुपये, छह साल से ऊपर के आयु के बच्चे का 50 रुपये शुल्क लिया जाता है।