बंजर भूमि में गूल बनाने के नाम पर डकार गए 25 लाख, आरटीआइ में हुआ खुलासा, मौके पर नहीं हुआ काम
लोहाघाट ब्लॉक के मजपीपल तोक में देखने को मिला। जहां लघु सिंचाई विभाग ने एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए करीब 25 लाख की गूल बनाने व मरम्मत की योजनाएं तैयार कर कागजों में कार्य पूरा दिखाकर पूरा बजट डकार लिया।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : अगर किसी की नजर न पड़े तो विभागीय अधिकारी कब सरकारी खजाने पर डाका डाल दें पता ही नहीं चलता। कुछ ऐसा ही लोहाघाट ब्लॉक के मजपीपल तोक में देखने को मिला। जहां लघु सिंचाई विभाग ने एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए करीब 25 लाख की गूल बनाने व मरम्मत की योजनाएं तैयार कर कागजों में कार्य पूरा दिखाकर पूरा बजट डकार लिया। धरातल पर एक पैसे का भी काम नहीं हुआ। आरटीआइ में इसका खुलासा हुआ तो विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई। आरटीआइ कार्यकर्ता ने मंगलवार को डीएम को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कराने की मांग की।
लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगे मडलक क्षेत्र के मजपीपल गांव निवासी पुष्कर सिंह ने बताया कि 2008 में मजपील तोक के अना और ठुलीगाड में बादल फटने के कारण बहुत बड़ा भूस्खलन हो गया था। जिसका मुआवजा जमीन और खेती का सरकार ने दे दिया था। तब से आज तक वह जमीन बंजर रोखड़ है। वहां कोई खेती नहीं करता है। लेकिन मजपीपल गांव निवासी जोगा सिंह बिष्ट पुत्र देव सिंह बिष्ट को लाभ पहुंचाने के लिए लघु सिंचाई विभाग ने मजपीपल के अना तोक, ठुलीगाड और हरी गाड़ में करीब 25 लाख की योजनाएं पास कराकर कागजों में कार्य दिखा दिया। इसमें गूल बनाने से लेकर मरम्मत करने का कार्य किया गया। जबकि मौके पर आज तक एक पैसे का काम नहीं हुआ।
रोखड़ होने की वजह से पूरा क्षेत्र जंगल में तब्दील हो गया है। एआईबीपी वर्ष 2010-11 में 12 मद से लाखों का काम कराया जो उस बंजर भूमि पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया है। सूचना का अधिकार मांगने पर ठेकेदार और विभाग की मिली भगत से सिर्फ कागजों में ही कार्य हुआ है। आरोप लगाया पुल्ला मडलक डुंगरालेटी मोटर मार्ग में मजपीपल खीम चौक में जोगा सिंह बिष्ट ने सड़क में आवास बना है। जिसके चलते वाहनों की आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ने जिलाधिकारी से शीघ्र जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि अभी मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। कार्यालय में पत्र दिया गया होगा। मेरे पास आने पर इसका संज्ञान लिया जाएगा। अगर शिकायत ठीक हुई तो जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।