स्थायी लोक अदालत का आदेश, बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति के देने होंगे 23 लाख 87 हजार रुपये

स्थायी लोक अदालत ने बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को 23 लाख 87 हजार रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। आवास-विकास चंदौसी निवासी मीनू अरोरा ने वाद दायर कर कहा था कि पति-पत्नी ने होम लोन के साथ के साथ ही इंश्योरेंस के लिए आवेदन किया था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:17 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:17 PM (IST)
स्थायी लोक अदालत का आदेश, बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति के देने होंगे 23 लाख 87 हजार रुपये
स्थायी लोक अदालत का आदेश, बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति के देने होंगे 23 लाख 87 हजार रुपये

जागरण संवाददाता, काशीपुर : स्थायी लोक अदालत ने बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को 23 लाख 87 हजार रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। आवास-विकास चंदौसी निवासी मीनू अरोरा ने वाद दायर कर कहा था कि पति-पत्नी की ओर एक निजी बैंक से 18 मई 2017 को होम लोन के लिए आवेदन किया था। बैंक ने होम लोन लेने के दौरान ही आठ जून 2017 को पति का बैंक की ही जनरल इंश्योरेंस कंपनी से होम सुरक्षा प्लस पॉलिसी के तहत बीमा कर दिया था। होम लोन और इंश्योरेंस की किस्त लगातार जमा होती रहीं। पति सुरेंद्र कुमार अरोरा की 27 अक्टूबर 2017 को मृत्यु हो गई।

मृत्यु की सूचना बैंक और इंश्योरेंस कंपनी को देकर पति की मृत्यु से संबंधित सभी कागजात भी जमा कर दिए गए। इंश्योरेंस की रकम का भुगतान करने की बजाय ईएमआइ जमा करने के लिए पत्र जारी किया गया है। मीनू ने इंश्योरेंस की रकम का भुगतान मय ब्याज एवं क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच लाख रुपए दिलाने की याचना की। अधिवक्ताओं की बहस और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद स्थायी लोक अदालत अध्यक्ष शादाब बानो, सदस्य उमेश चंद्र जोशी, सुभाषिनी द्विवेदी ने बीमा कंपनी को 23 लाख 87 हजार 727 रुपए भुगतान करने के आदेश दिए। कहा कि वादी हर्जाने के तौर पर एक लाख रुपए प्राप्त करने की अधिकारी है।

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