सितारगंज में ट्यूशन को गई मासूम छात्रा से दुष्कर्म करने वाले प्रधानाचार्य को 20 साल की कारावास

विजन पब्लिक स्कूल सितारगंज के प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट पुत्र रघुवीर सिंह बिष्ट अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। उन्हीं के स्कूल में एलकेजी में पढ़ने वाली छह वर्षीय छात्रा 18 जनवरी 2019 की शाम चार बजे अन्य बच्चों के साथ ट्यूशन पढ़ने गई हुई थी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 04:55 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 04:56 PM (IST)
सितारगंज में ट्यूशन को गई मासूम छात्रा से दुष्कर्म करने वाले प्रधानाचार्य को 20 साल की कारावास
11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : ट्यूशन पढ़ने गई मासूम छात्रा से दुष्कर्म करने वाले आरोपित प्रधानाचार्य को पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जुर्माने की धनराशि में से 90 प्रतिशत पीड़िता छात्रा को मिलेगा।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि विजन पब्लिक स्कूल सितारगंज के प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट पुत्र रघुवीर सिंह बिष्ट अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। उन्हीं के स्कूल में एलकेजी में पढ़ने वाली छह वर्षीय छात्रा 18 जनवरी 2019 की शाम चार बजे अन्य बच्चों के साथ ट्यूशन पढ़ने गई हुई थी। ट्यूशन पढ़ाने के बाद प्रधानाचार्य जीवन बिष्ट ने अन्य बच्चों को घर भेज दिया था। जबकि मासूम छह साल की बच्ची को दूसरे कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। बाद में बच्ची घर पहुंची तो मां ने उसके चलने पर हो रही तकलीफ को देखते हुए पूछताछ की। इस पर मासूम बच्ची ने रोते हुए आपबीती बताई।

मासूम बच्ची की मां की शिकायत पर सितारगंज थाने में आरोपित प्रधानाचार्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने मासूम का मेडिकल परीक्षण करवाया तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। महिला एसआइ बबीता गोस्वामी ने विवेचना की और आरोपित को 20 जनवरी 2109 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपित के विरुद्ध पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में मुकदमा चला। इस दौरान एडीजीसी विकास गुप्ता ने आठ गवाह पेश कर आरोपित पर दोष सिद्ध कर दिया। जिसके बाद पॉक्सो न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने दुष्कर्म करने वाले प्रधानाचार्या जीवन बिष्ट को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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