आधा मानसून बीता, अब आया चोरगलिया को बाढ़ से बचाने के लिए 20 लाख का प्रस्ताव
आखिरकार चोरगलिया क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए भेजे तीनों प्रस्तावों के लिए राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से धनराशि स्वीकृत होने का आदेश सिंचाई विभाग के पास पहुंच गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : आधा मानसून सत्र बीतने के बाद आखिरकार चोरगलिया क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए भेजे तीनों प्रस्तावों के लिए राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से धनराशि स्वीकृत होने का आदेश सिंचाई विभाग के पास पहुंच गया है। बजट मिलते ही प्रशासन ने बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
सरकारी हिसाब से 15 जून से 15 सितंबर तक मानसून सत्र माना जाता है। वहीं चोरगलिया क्षेत्र में बरसात के मौसम में नंधौर नदी हर साल भारी तबाही मचाती है। इस साल भी नंधौर के उफान पर आने से भूकटाव हुआ तो ग्रामीण दहशतजदा हुए। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और अफसरों के दौरे हुए। 14 जुलाई को सिंचाई विभाग ने नंधौर नदी का पानी कैलाश नदी व देवा नदी में डाइवर्ट करने के लिए 19.96 करोड़ के तीन प्रस्ताव प्रशासन को भेजे। प्रशासन की ओर से प्रस्ताव को स्वीकृति में देरी करने पर कई बार ग्रामीणों ने आक्रोश भी निकाला।
आखिरकार 28 जुलाई को एडीएम एसएस जंगपांगी ने सिंचाई विभाग के तीनों प्रस्तावों के लिए राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से धनराशि स्वीकृत करने का आदेश जारी कर दिया है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता तरूण बंसल ने बताया कि चोरगलिया की नंधौर नदी में बाढ़ सुरक्षा के तीनों प्रस्तावों की स्वीकृति का आदेश मिल चुका है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर बाढ़ सुरक्षा के काम कराए जाएंगे।