कोरोना काल में 21 दिन में 132 लोगों की गई जान, शहरी विकास विभाग मांग रहा शवों की जानकारी
शहरी विकास विभाग उत्तराखंड द्वारा कोविड काल में मरने वाले लोगों की जानकारी मांगी जा रही है। ताकि यह पता रह सके कि कोविड काल में कितने लोगों की जान गई। हर नगर पालिका व नगर निगम को अपने क्षेत्र में शवों की डिटेल भेजना अनिवार्य किया गया है।
जागरण संवाददाता, रामनगर: कोरोना काल में सबसे अधिक जान जा रही है। 21 दिन के भीतर 132 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं। इसमें दस लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई है। जबकि इस आंकड़े में एसटीएच में कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोड़ चुके लोग शामिल नहीं है।
शहरी विकास विभाग उत्तराखंड द्वारा कोविड काल में मरने वाले लोगों की जानकारी मांगी जा रही है। ताकि यह पता रह सके कि कोविड काल में कितने लोगों की जान गई। हर नगर पालिका व नगर निगम को अपने क्षेत्र में दाह संस्कार होने व दफन होने वाले शवों की डिटेल भेजना अनिवार्य किया गया है। उसमें भी कोरोना संक्रमण या सामान्य होने वाली मौत का अलग-अलग आंकड़ा मांगा जा रहा है। इसके अलावा शमशान घाट व कब्रिस्तान में व्यवस्थाओं की जानकारी भी मांगी जा रही है।
नगर पालिका पिछले महीने 20 अपै्रल से 11 मई तक 132 लोगों की डिटेल भेज चुकी है। इसमें से 96 लोगों का शमशान घाट में दाह संस्कार हुआ है। जबकि 36 लोग कब्रिस्तान में दफनाए गए हैं। नगर पालिका द्वारा अपने कर्मचारी भेजकर हर रोज डिटेल मंगाई जा रही है। नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी ने बताया कि पालिका द्वारा हर रोज शमशान घाट व कबिस्तान में आने वाले शवों की जानकारी लेकर शहरी विकास विभाग के निदेशालय को ऑनलाइन भेजी जा रही है। 21 दिन में 132 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। संयुक्त चिकित्सालय में कोविड से दम तोड़ चुके लोगों की संख्या छह है।
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