हल्‍द्वानी से रोज उठता है 120 मीट्रिक टन कचरा, मगर नहीं होता है निस्तारण, पढ़ें रिपोर्ट

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के नतीजों ने हल्द्वानी नगर निगम को बड़ा झटका दिया है। साफ-सफाई के मामले में स्थिति सुधरने की बजाय शहर 52 पायदान और पीछे चला गया। स्वच्छता के मामले में पिछडऩे की बड़ी वजह सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपोस्ट प्लांट की कमी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:29 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 08:29 AM (IST)
हल्‍द्वानी से रोज उठता है 120 मीट्रिक टन कचरा, मगर नहीं होता है निस्तारण, पढ़ें रिपोर्ट
हल्‍द्वानी से रोज उठता है 120 मीट्रिक टन कचरा, मगर नहीं होता है निस्तारण, पढ़ें रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के नतीजों ने हल्द्वानी नगर निगम को बड़ा झटका दिया है। साफ-सफाई के मामले में स्थिति सुधरने की बजाय शहर 52 पायदान और पीछे चला गया। स्वच्छता के मामले में पिछडऩे की बड़ी वजह सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपोस्ट प्लांट की कमी है। हल्द्वानी के साठ वार्डों से रोजाना करीब 120 मीट्रिक टन कचरा उठाया जाता है, लेकिन इसके निस्तारण को प्लांट अब भी नहीं बन सका। सारा कूड़ा हाईवे किनारे मैदान में फेंक दिया जाता है। नगर निगम तीन बार टेंडर करवा चुका है, लेकिन ठेकेदार नहीं मिला। जिस वजह से शहर कूड़ा प्रबंधन में अंक हासिल नहीं कर सका।

हल्द्वानी नगर निगम में पहले 40 वार्ड आते थे। 2018 में परिसीमन के बाद ग्रामीण क्षेत्र को शामिल कर 20 नए वार्ड और बन गए, लेकिन कूड़ा निस्तारण को लेकर कोई सिस्टम तैयार नहीं हो सका। ऐसे में नगर निगम की गाडिय़ां गली-मोहल्लों से कचरा एकत्र करने के बाद इंदिरानगर बाइपास पर स्थित खुले मैदान में फेंक देती है। इस मैदान को ही फिलहाल अस्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड को नाम दे दिया गया है। बरसात में कचरा सड़ता है और आग लगने पर जलता रहता है। ऐसे में आसपास रहने वाली आबादी के स्वास्थ्य पर भी खतरा बना हुआ है।

नगर निगम प्रशासन के मुताबिक 17.46 करोड़ की लागत से प्लांट का निर्माण होना था। तीन बार निविदा आमंत्रित की गई थी, लेकिन टेंडर जारी नहीं हो सका। क्योंकि, ठेकेदारों ने दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बात का अहम रोल था कि निकाय क्षेत्र से रोजाना निकलने वाले कचरे का निस्तारण कैसे होता है। फिलहाल इस मामले में निगम फिसड्डी साबित हुआ। जिस वजह से 229वीं रैंक से पिछड़ 281वीं रैंक पर पहुंच गया। अब जल्द टेंडर करवा एक साल से पहले कंपोस्ट प्लांट चालू करवाना होगा। वरना स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के नतीजे भी मायूस करने वाले होंगे। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल ने कहा कि कंपोस्ट प्लांट की वजह से रैंकिंग में कम नंबर मिले। पूरा प्रयास है कि दस दिन के भीतर पुन: निविदा आमंत्रित करवा दी जाए। प्लांट बनने पर कचरे का रोजाना निस्तारण होने लगेगा।

पीपीपी मोड पर निर्माण

नगर निगम प्रशासन के अफसरों के मुताबिक सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपोस्ट प्लांट अगले 15 साल की संभावनाओं को देखते हुए बनाया जाना है। इंदिरानगर बाइपास स्थित अस्थायी ट्रंचिंग ग्राउंड की चार हेक्टेयर जमीन पर निर्माण होना है। रोजाना 320 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण यहां होगा। क्षमता इसलिए ज्यादा रखी गई है, क्योंकि नैनीताल, भीमताल व भवाली का कचरा भी हल्द्वानी पहुंचता है। टेंडर पीपीपी मोड पर होंगे। यानी निर्माण की कुछ लागत ठेकेदार को भी उठानी होगी। इसके ऐवज में प्लांट में तैयार होनी वाली खाद व अन्य प्रोडक्ट की कमाई का हिस्सा उसे मिलेगा।

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