हुड़ेती गांव में खुले पहले कांग्रेस कार्यालय के 100 वर्ष पूरे, इसी भवन में खींचा गया था कुली बेगार और साइमन कमीशन विरोध का खाका
वर्ष 1921 में अग्रणी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रयाग दत्त पंत और कृष्णानंद उप्रेती ने कांग्रेस कार्यालय की स्थापना की थी। जिले में इससे पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के एक साथ बैठने के लिए कोई स्थान तय नहीं था। सेनानी अलग-अलग स्थानों पर बैठक करते थे।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिले के पहले कांग्रेस कार्यालय को 100 वर्ष पूरे हो गए हैं। इसी भवन में कुमाऊं के ऐतिहासिक कुली बेगार और साइमन कमीशन विरोध का खाका खींचा गया था। वर्ष 1921 में अग्रणी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रयाग दत्त पंत और कृष्णानंद उप्रेती ने कांग्रेस कार्यालय की स्थापना की थी। जिले में इससे पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के एक साथ बैठने के लिए कोई स्थान तय नहीं था। सेनानी अलग-अलग स्थानों पर बैठक करते थे। इस समस्या को देखते हुए हुड़ेती गांव में कांग्रेस कार्यालय की स्थापना हुई।
स्थापना के बाद सेनानी इसी कार्यालय में बैठक करने लगे। स्वतंत्रता आंदोलन के गवाह रहे इसी भवन में उत्तरायणी पर्व पर कुली बेगार प्रथा के विरोध की रणनीति बनाई गई। यहीं से टीमें गांव-गांव भेजीे गई। टीमों में शामिल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने लोगों को आंदोलन के लिए तैयार किया। कुली बेगार प्रथा के जबरदस्त विरोध के बाद ही इसे खत्म किया गया। साइमन कमीशन के विरोध की रणनीति भी इसी भवन में बनाई गई। वर्तमान में इस भवन की देखरेख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कृष्णानंद उप्रेती के वंशज कर रहे हैं।
कांग्रेस करेगी भव्य कार्यक्रम का आयोजन
पहले कांग्रेस कार्यालय के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर को कांग्रेस भव्य रू प में मनाएगी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष ऋषेंद्र महर ने कहा है कि हुड़ेती गांव में स्थित कांग्रेस का यह भवन कांग्रेस के साथ ही पूरे जिले की ऐतिहासिक विरासत है। इस महत्वपूर्ण अवसर को धूमधाम से मनाने के लिए जल्द ही कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
विरासत को लेकर गौरवान्वित हैं ग्रामीण
कांग्रेस का पहला कार्यालय गांव में स्थापित होनेे से हुड़ेती गांव के ग्रामीण भी खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। सेनानी कृष्णानंद उप्रेती के वंशज राजेश मोहन उप्रेती का कहना है कि पहले कांग्रेस कार्यालय से सीमांत जिले के इस गांव को एक पहचान मिली है। स्वतंत्रता आंदोलन को गवाह रहे इस भवन को लेकर ग्रामीण खासे संवेदनशील हैं। बता दें उस दौर में कांग्रेस के दो ही कार्यालय थे पहला कार्यालय हुड़ेती गांव में और दूसरा कार्यालय चम्पावत जनपद के खेतीखान कस्ब में। खेतीखान कार्यालय कुमाऊं के शेर कहे जाने वाले पं. हर्षदेव ओली ने स्थापित किया था।