किसी भी संत व अखाड़े का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं : पुरी

अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में रविवार को कनखल के श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज व महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज का स्वागत किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:20 PM (IST)
किसी भी संत व अखाड़े का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं : पुरी
किसी भी संत व अखाड़े का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं : पुरी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में रविवार को कनखल के श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज व महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज का स्वागत किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत जसविन्दर सिंह महाराज, महामंत्री महंत अरूण दास, कोषाध्यक्ष महंत श्यामदास महाराज ने सभी संत महापुरुषों का फूलमाला पहनाकर व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व महामंत्री का स्वागत करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष संत समिति के मुख्य संयोजक श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष व महामंत्री ऊर्जावान, विद्वान और युवा संत हैं। उनके नेतृत्व में अखाड़ा परिषद धर्म संस्कृति के उत्थान व प्रचार प्रसार में नए आयाम स्थापित करेगी। अखिल भारतीय संत समिति के मुख्य प्रवक्ता बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी के गठन से समस्त संत समाज में हर्ष का माहौल है। परिषद के पूर्व पदाधिकारी संत समाज के हित में पदों का उपयोग करने के बजाए शासन प्रशासन की चाटुकारिता में लगे रहे। जिससे संत समाज को कुंभ मेले के दौरान काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व महामंत्री राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि संत पंरपराओं के अनुसार परिषद सभी अखाड़ों व संत समाज के हितों के लिए कार्य करेगी। किसी भी अखाड़े का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष व निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि पूरे वैध तरीके से गठित हुई परिषद की कार्यकारिणी को लेकर कुछ लोग अनावश्यक रूप से भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत दामोदर दास, श्रीमहंत रामकिशोर दास शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी सेवानंद गिरी, स्वामी महेश्वरानंद, महंत कृष्णानंद, महंत रंजय सिंह, महंत अरूणदास, महंत श्यामदास, महंत गोविददास, योगी सत्यव्रतानंद, महंत मनमोहन दास, महंत हरजोत सिंह, महंत खेमसिंह, महंत निर्भय सिंह, संत तलविदर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह, ज्ञानी जैल सिंह, संत सिमरन सिंह, संत विष्णु सिंह आदि उपस्थित रहे।

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