करोड़ों खर्च के बाद भी जलभराव की समस्या बरकरार

मध्य हरिद्वार के व्यस्ततम इलाके चंद्रचार्य चौक में चार करोड़ की लागत से बने चौक पर पानी भ्भर गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:45 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:45 PM (IST)
करोड़ों खर्च के बाद भी जलभराव की समस्या बरकरार
करोड़ों खर्च के बाद भी जलभराव की समस्या बरकरार

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मध्य हरिद्वार के व्यस्ततम इलाके चंद्रचार्य चौक में चार करोड़ की लागत से बनाए गए नाले के बावजूद जलभराव की समस्या दूर नहीं हो सकी है। बारिश से जमा होने वाले पानी की निकासी के लिए प्रशासन को पंपिंग मोटर लगानी पड़ रही है। प्रशासन के जलभराव से निजात के सारे दावे पानी में ही बह गए हैं। इस समस्या के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

मध्य हरिद्वार दो दशक से जलभराव का दंश झेल रहा है। समस्या से स्थायी निजात दिलाने के बजाय सिर्फ दावे ही किए जा रहे हैं। समस्या का अब तक स्थायी हल नहीं किया गया है। सरकार की ओर से जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए शहरी विकास विभाग की देखरेख में चंद्राचार्य चौक पर अमृत योजना से करीब चार करोड़ की लागत से बीच सड़क नाले का निर्माण शुरू कराया गया, लेकिन डेढ़ वर्ष होने को आ रहा, फिर भी काम पूरा नहीं हो सका। कुल 1966 मीटर नाले की तुलना में अब तक 1616 मीटर ही नाले का निर्माण हो पाया है। पर, आवास विकास के पास जिस बड़े नाले को दोबारा बनाने का कार्य होना था, वह अतिक्रमण की भेंट चढ़ा हुआ है। इस कारण मानसूनी बरसात में जलनिकासी नहीं होने से चंद्राचार्य चौक, भगत सिंह चौक आदि स्थानों पर अब भी लगातार जलजमाव हो रहा है। व्यवसायिक इलाका होने के कारण तमाम दुकानों-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पानी घुसने से इन्हें हर बार बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इससे लगे आवासीय क्षेत्र का हाल भी कमोवेश यही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि, नेता, मंत्री और प्रशासन पिछले बीस वर्षों से समस्या के स्थायी समाधान का आश्वासन देता चला आ रहा है। अधिकारी, नेता और मंत्री बदले पर यहां के हालात नहीं बदले।

कुंभ-2021 की तैयारियों में लगे हरिद्वार को इस समस्या से स्थायी समाधान का वादा कर दो साल पहले अमृत योजना से करीब 46 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया पर, इसे स्वीकृति नहीं मिली। बाद में 3.96 करोड़ से चंद्राचार्य चौक से गंगा कैनाल और अवधूत मंडल से शिवमूर्ति तक दोनों ओर नाला निर्माण की स्वीकृति दी गई। नवंबर-2020 में यह काम पूरा होना था पर, अब तक पूरा नहीं हो पाया। कुल 1966 मीटर में से अब तक 1616 मीटर नाले का निर्माण ही पूरा हो सका है। नाले की चौड़ाई शुरुआत में अतिक्रमण के चलते करीब चार मीटर है। यही वजह है कि यहां 450 में से 350 मीटर नाला अब तक नहीं बन सका।

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बरसात में मध्य हरिद्वार के चंद्राचार्य चौक पर जलभराव स्थानीय निवासियों-व्यवसायियों के लिए भारी दिक्कत पेश कर रहा है। जिलाधिकारी सी. रविशंकर के आदेश पर श्रीचंद्राचार्य चौक पर जलभराव की समस्या से निजात दिलाने को पंपिग सेट की व्यवस्था की गई है। यहां पीआरडी जवान की भी तैनाती है, पूरी बरसात यहां यह व्यवस्था रहेगी। डीजल, लेबर आदि पर करीब 18 लाख रुपए खर्च होंगे।'

मोहम्मद मीसम, अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम, हरिद्वार

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