पेयजल लाइन में नहीं सड़क पर बह रहा पानी
जागरण संवाददाता हरिद्वार जल संस्थान की कार्यशैली भी अजीबोगरीब है। विभाग घरों में तो गर्मी क
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जल संस्थान की कार्यशैली भी अजीबोगरीब है। विभाग घरों में तो गर्मी के महीने में नियमित रूप से पीने का पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। मगर लीकेज से हजारों लीटर पानी हर दिन सड़कों पर बर्बाद करने में उसे हिचक नहीं है। एक तरफ तेज धूप और गर्मी से लोगों के हलक सूख रहे हैं, लेकिन विभाग उनको तर करने की जतन नहीं कर पा रहा है।
शहर के विवेक विहार, मॉडल कॉलोनी का आंशिक हिस्सा, टिबड़ी, शिवलोक कॉलोनी, गोविदपुरी में बुधवार को पेयजल किल्लत से लोगों को जूझना पड़ा। सुबह नौ बजे के बाद इन कॉलोनियों के घरों में वाटर सप्लाई बंद हो गया। लोग नित्यकर्म के लिए भी पानी को भटके। शाम तक इन कॉलोनियों में रहने वाली बीस हजार की आबादी पानी के लिए तरसने को मजबूर हुई। स्थिति यह रही कि पेयजल बाधित होने से गर्मी से बेहाल लोग पानी के लिए बोतलबंद पर निर्भर हो गए। दुकानों से जाकर लोगों ने बोतलबंद पानी खरीदा। कॉलोनी के रहने वाले विनोद माहेश्वरी, सपना, अंजू ने बताया यह एक दिन की बात नहीं आए दिन यहीं झेलना पड़ रहा है। जल संस्थान की लापरवाही से हम लोगों के कालोनी के इर्द गिर्द पुराना रानीपुर मोड़, चंद्राचार्य चौक, टिबड़ी आदि मार्ग पर कई जगह पानी की लाइनें टूटी होने से सड़क पर पानी दिन रात बह रहा है, लेकिन विभाग इसे ठीक नहीं करा पा रहा है। गर्मी में पानी न मिलने से स्थिति और विकट हो जाती है।
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डिमांड से अधिक आपूर्ति का दावा केवल कागजों में
यदि कागजी रेकार्ड की बात करें तो विभाग का दावा है कि शहर में 90 एमएलडी (मिलियंस आफ लीटर पर डे) पानी की डिमांड है। जबकि आपूर्ति 112 एमएलडी की है, लेकिन विभाग इस बात को पूरी तरह स्वीकारने से परहेज करता है कि आज भी कनखल, लाटोवाली, ज्वालापुर, पीठ बाजार, भीमगोड़ा, गोसाईं गली, दुर्गा नगर, रानी गली में जर्जर पाइप लाइनों के चलते हर दिन हजारों लीटर पानी सड़कों पर यूं ही बर्बाद हो जाता है।
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कई जगह डैमेज पाइप लाइनों की मरम्मत के लिए पंप हाउस से आपूर्ति बंद करने की नौबत आई। इससे आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले लोगों को पानी की किल्लत उठानी पड़ी है। शहर में अमृत योजना के तहत कार्य चल रहा है। इसके पूरा होने पर कई जगह अलग-अलग रेग्यूलेटर लग जाने से केवल संबंधित क्षेत्र की ही आपूर्ति रोक कर काम कराया जाएगा। जिससे शेष नागरिकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
नरेश पाल चौहान, अधिशासी अभियंता जल संस्थान