गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी गांव के ग्रामीण सहमे

गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। गंगा नदी और सिद्ध स्रोत नाले के बीच मात्र चार फीट का पुश्ता बचा है हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि कभी भी पुश्ता पानी के तेज बहाव में बह सकता है। पुश्ता टूटने पर कांगड़ी गांव में बाढ़ तबाही मचा सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:42 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी गांव के ग्रामीण सहमे
गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी गांव के ग्रामीण सहमे

संवाद सूत्र, लालढांग : गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। गंगा नदी और सिद्ध स्रोत नाले के बीच मात्र चार फीट का पुश्ता बचा है, हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि कभी भी पुश्ता पानी के तेज बहाव में बह सकता है। पुश्ता टूटने पर कांगड़ी गांव में बाढ़ तबाही मचा सकती है। ग्रामीणों ने जेसीबी से खोदाई कर गंगा की धारा दूसरी ओर मोड़ने की अपील की है।

गावों में बरसात के दौरान ही बाढ़ सुरक्षा उपाय के तहत निर्माण कार्य कराए गए। जिनकी गुणवत्ता पर ग्रामीणों को संदेह है। बाढ़ सुरक्षा संबंधी कार्यों को समय से पहले पूरा कराने की स्थानीय ग्रामीणों की मांग को अनदेखा किया जाता है। जब बाढ़ की विभीषिका सिर पर आ जाती है तो जैसे-तैसे कार्य कराकर प्रशासन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। निवर्तमान ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि पिछले करीब आठ साल से बरसात के दौरान ही बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं, जो नाकाफी होते हैं। एक बार अगर बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम समय पर कर लिए जाएं, जब गंगा का जलस्तर कम हो तो उसके बाद हर साल पुश्ता बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। ग्रामीण बबलू पाल, रविन्द्र पाल, पूर्व प्रधान ओमप्रकाश, फकीरचंद ने बताया कि कुछ माह पहले सिचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कांगड़ी का निरीक्षण कर सिद्ध स्रोत नाला एवं गंगा में जेसीबी से खोदाई कर धारा के बीच में नाला बनाने का आदेश दिया था, जिससे कि पानी की धारा गांव की ओर न मुड़े। लेकिन, अधिकारियों ने उनके आदेश को पालन नहीं किया। हर बरसात में गंगा के बढ़ते जलस्तर से गांव की ओर लगातार भू-कटान हो रहा है।

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