हाथी के आतंक से शाम ढलते ही घरों में कैद हो रहे ग्रामीण

कांगड़ी-गाजीवाली के ग्रामीण हाथियों के आतंक से शाम ढलते ही अपने घर में कैद होने को मजबूर हैं। वन विभाग की हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोकने की तमाम योजना विफल साबित हो रही है। पिछले कई दिनों से रोजाना क्षेत्र में हाथी की धमक बनी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:00 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:00 PM (IST)
हाथी के आतंक से शाम ढलते ही घरों में कैद हो रहे ग्रामीण
हाथी के आतंक से शाम ढलते ही घरों में कैद हो रहे ग्रामीण

संवाद सूत्र, लालढांग: कांगड़ी-गाजीवाली के ग्रामीण हाथियों के आतंक से शाम ढलते ही अपने घर में कैद होने को मजबूर हैं। वन विभाग की हाथियों को रिहायशी इलाके में आने से रोकने की तमाम योजना विफल साबित हो रही है। पिछले कई दिनों से रोजाना क्षेत्र में हाथी की धमक बनी हुई है।

सोमवार देर रात हाथी ने कांग्रेसी नेता गुरजीत लहरी के चारदीवारी में खड़े ट्रैक्टर एवं पानी के टैंकर को गिरा दिया। चंडीघाट पुल से लेकर चिड़ियापुर ओर लालढांग तक का पूरा इलाका दोनों ओर जंगल से घिरा हुआ है। एक ओर घना जंगल और दूसरे छोर पर गंगा होने से आये दिन हाथी सहित जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में जमकर उत्पात मचाते हैं। धान पकने के समय प्रत्येक वर्ष हाथी किसानों की फसल बर्बाद करते थे, लेकिन इस वर्ष हाथियों ने पूरे क्षेत्र में जमकर उत्पात मचा रखा है। पिछले कई दिनों से हाथी किसानों की धान की फसल को तहस-नहस कर रहे हैं। शनिवार देर रात पहले हाथी गाजीवाली गांव में आ धमका, उसके बाद कांगडी गांव में उत्पात मचाया। ग्रामीणों ने हाथी को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया तो हाथी ने गली नंबर चार कांगडी में सुनील पाल के खेत में लगी सोलर फेंसिग के एंगल को तोड़ दिया। रविवार रात भी हाथी कांगडी के आसपास घूमते रहे। पहले ग्रामीणों ने उसे भगाने का प्रयास किया तो हाथी गांव में घुस गया। बाद में ग्रामीणों ने किसी तरह हाथियों को जंगल की ओर भगाया। सोमवार देर रात हाथी ने गेंडीखाता में कांग्रेसी नेता गुरजीत लहरी के आंगन में खड़े ट्रैक्टर और पानी के टैंकर को पलट कर तोड़ दिया। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई दिनों से इलाके में हाथियों की आवाजाही लगातार बनी हुई है पर, वन कर्मी सूचना देने के बाद भी हाथी को भगाने काफी देरी से पहुंचते हैं, तब तक हाथी उनकी फसल बर्बाद करने के साथ अन्य नुकसान कर चुके होते हैं। मामले में वन क्षेत्राधिकारी श्यामपुर विनय राठी ने बताया कि जंगल का क्षेत्रफल काफी ज्यादा होने के कारण हाथी कहीं न कहीं से आबादी की ओर घुस रहे हैं। बताया कि जहां से भी गांव में आने के रास्ते हैं, वहां पर वन कर्मियों को तैनात किया गया है। मगर इसके बावजूद हाथी रिहायशी इलाके की ओर आ रहे हैं। किसानों के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाएगा। प्रभागीय वन अधिकारी नीरज शर्मा ने स्वीकार किया कि सोलर फेंसिग के बावजूद हाथी कहीं न कहीं से रिहायशी इलाके में आ रहे हैं और उत्पात मचा रहे, फसलों सहित अन्य नुकसान कर रहे हैं।

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