पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधक को विजिलेंस ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, जानिए पूरा मामला

विजिलेंस की टीम ने पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधक हारून अली को दरगाह के सुपर वाइजर से दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। कुछ दिन पहले ही दरगाह प्रबंधक ने दरगाह के सफाई सुपर वाइजर को हटा दिया था।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 06:00 PM (IST)
पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधक को विजिलेंस ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, जानिए पूरा मामला
पिरान कलियर दरगाह के प्रबंधक को विजिलेंस ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।

संवाद सूत्र, कलियर। कलियर दरगाह प्रबंधक को विजिलेंस की टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। उन्होंने दरगाह के सुपरवाइजर की बहाली के एवज में डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी थी। विजिलेंस की टीम ने प्रबंधक के कब्जे से रिश्वत की रकम बरामद की है। डीआइजी (विजिलेंस) अरुण मोहन जोशी ने ट्रैप टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है। 

ज्वालापुर निवासी राव सिकंदर हाल निवासी कलियर दरगाह में वर्ष 2011 से सुपरवाइजर के पद पर तैनात हैं। जिलाधिकारी ने 2020 में ज्वालापुर के मोहल्ला चाकलान स्थित स्कूल नंबर 7 के सहायक अध्यापक मोहम्मद हारून को कलियर दरगाह प्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज सौंपा था। दरगाह के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना, उपस्थिति पंजिका सत्यापित करना तथा कर्मचारियों को वेतन देने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। दरगाह प्रबंधक ने 23 मई 2021 को नोटिस देकर सुपरवाइजर राव सिकंदर को उनके कार्य से अलग कर दिया था। राव सिकंदर ने इसकी शिकायत 24 मई को जेएम रुड़की से की थी। जेएम रुड़की ने दरगाह प्रबंधक के निर्देश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद सुपरवाइजर दरगाह प्रबंधक के पास पहुंचा था।

आरोप है कि दरगाह प्रबंधक ने उसका नाम उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करने के एवज में तीन लाख की रकम मांगी थी। सुपरवाइजर अपने दोस्त वसीम के साथ भी कई बार प्रबंधक से मिले और नाम रजिस्टर में दर्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन वह रिश्वत की मांग करता रहा। आखिरकार परेशान होकर सुपरवाइजर रिश्वत देने को तैयार हो गया। दरगाह प्रबंधक मोहम्मद हारून ने डेढ़ लाख रुपये में सौदा तय करते हुए छह किश्त में रकम देने को कहा था।

मंगलवार को पहली किश्त के रूप में राव सिकंदर ने 20 हजार रुपये की रकम मोहम्मद हारून को

बुधवार को भी 10 हजार रुपये देना तय हुआ था। इससे पहले ही पीड़ित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की। विजिलेंस टीम ने जांच की तो मामला सही निकला। इसके बाद विजिलेंस एसपी श्वेता चौबे के निर्देश पर सीओ एसएस सामंत, इंस्पेक्टर मनोज रावत और तुषार बोरा की टीम ने केमिकल लगे नोट सुपरवाइजर को देते हुए दरगाह प्रबंधक के कार्यालय भेजा। बुधवार की शाम को सुपरवाइजर नोट लेकर दरगाह प्रबंधक कार्यालय में पहुंचा।

दरगाह प्रबंधक ने जैसे ही 10 हजार रुपये के नोट हाथ में लिए, विजिलेंस की टीम ने उसे वहीं पर दबोच लिया। विजिलेंस की टीम ने घंटों तक आरोपित से पूछताछ की। सीओ एसएस सामंत ने बताया कि इस मामले में राव सिकंदर की तहरीर पर मोहम्मद हारुन निवासी मोहल्ला नील खुदान ज्वालापुर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। विजिलेंस की टीम आरोपित को अपने साथ लेकर देहरादून रवाना हो गई।

पुलिस ने खंगाला कार्यालय और घर

विजिलेंस की टीम ने दरगाह प्रबंधक के कार्यालय की तलाशी ली। वहां पर रखे दस्तावेज खंगाले। इसके बाद विजिलेंस की एक टीम आरोपित के घर ज्वालापुर पहुंची। विजिलेंस की टीम ने आरोपित के घर की तलाशी ली। एक दिन पहले ली गई रिश्वत की रकम की बरामदगी के प्रयास विजिलेंस की टीम कर रही है।

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