दो माह में कर दी ढाई लाख आरटीपीसीआर जांच

कोरोना जांच में धांधली की जांच में नित नए तथ्य सामने आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:54 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:54 PM (IST)
दो माह में कर दी ढाई लाख आरटीपीसीआर जांच
दो माह में कर दी ढाई लाख आरटीपीसीआर जांच

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : कोरोना जांच में धांधली की जांच में नित नए तथ्य सामने आ रहे हैं। कुंभ के दौरान मार्च और अप्रैल में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने पर निजी लैब ने फायदे के लिए एंटीजन से ज्यादा आरटपीसीआर जांच में रुचि दिखायी। दो महीनों में 2, 48, 986 आरटीपीसीआर जांच की गयी। वहीं रिपोर्ट 24 से 48 घंटे की बजाए एक सप्ताह में दी गयी। जबकि कई की रिपोर्ट ही नहीं पहुंची।

बड़ा सवाल यह कि आखिर निजी लैब ने त्वरित मुहैया होने वाली एंटीजन जांच रिपोर्ट के बजाए देरी से मिलने वाली आरटीपीसीआर जांच को दिलचस्पी क्यों दिखायी। पोर्टल पर अपलोड करने में देरी की बहानेबाजी संभव नहीं थी। ऐसे में आरटीपीसार जांच रिपोर्ट अपलोड करने में देरी के लिए बहानेबाजी आसान थी। जबकि कागजों में जांच होना दर्शा कर बाद में मन-माफिक तरीके से आंकड़ों को इस आधार पर अपलोड करना निजी लैब के लिए आसान था। इसलिए कोरोना जांच रिपोर्ट में देरी होने के बावजूद आरटीपीसीआर जांच पर निजी लैब का खासा जोर रहा। कुंभ के दौरान मार्च माह में कोरोना की हुई कुल एक लाख 70 हजार 237 जांच में 98 हजार 34 आरटीपीसीआर जांच की गयी। इसके सापेक्ष एंटीजन जांच का दायरा मात्र 72 हजार 203 रहा। जबकि महाशिवरात्रि स्नान पर सबसे अधिक 32 लाख 37 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार में उमड़ी थी। अप्रैल में कुंभ के कुल पांच स्नान थे। इसमें तीन शाही और दो पर्व स्नान थे। इन स्नान में अधिकृत तौर पर 40 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। अप्रैल में कोरोना जांच की कुल संख्या छह लाख पांच हजार 367 रही। खास बात यह कि इसमें एक लाख 50 हजार 952 आरटीपीसीआर जांच हुई जबकि चार लाख 54 हजार 415 एंटीजन। चालीस लाख श्रद्धालुओं में महज 12 फीसद श्रद्धालुओं की ही कोरोना जांच की गयी। उसमें भी डेढ़ लाख से अधिक की आरटीपीसीआर जांच की गयी। जबकि इसी माह हरिद्वार में कोरोना संक्रमण इतनी तेजी से फैला की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को अखाड़ों और संत-महात्माओं ने कुंभ को सीमित करने, प्रतीकात्मक करने का अनुरोध करना पड़ा।

----------

हरिद्वार। कुंभ मेला के दौरान कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़ा के मामले में कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करने वाली जांच एजेंसियां संदेह के दायरे में हैं। कुल नौ जांच एजेंसी इस काम को कर रही थीं। इसमें कुछ तो ऐसी थीं, जिन्हें जिले के स्वास्थ्य विभाग ने अपने यहां काम नहीं दिया था। पर, इन्हें कुंभ मेले में काम मिल गया। आरोप है कि इनमें से तो एक-दो ने तो काम अपने नाम पर लिया पर बाद में बिना किसी को सूचित किए काम अपने स्तर पर अन्य एजेंसी को स्थानांतरित कर दिया, जबकि ऐसा सरकारी नियमों के तहत नहीं किया जा सकता। वर्जन::::::

जांच का काम तेजी से चल रहा है, कई तथ्य सामने आए हैं और कई जुटाए जा रहे हैं। सबका मिलान किया जा रहा है। सभी से जानकारी जुटाई जा रही है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने और जांच पूरी होने पर ही अधिकृत जानकारी दी जा सकेगी।'

सौरभ गहरवार, मुख्य विकास अधिकारी, जांच समिति के अध्यक्ष

chat bot
आपका साथी