नए साल से सरकारी अस्पतालों में महंगा होगा उपचार

संवाद सहयोगी, रुड़की: सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ने वाल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 09:11 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 09:11 PM (IST)
नए साल से सरकारी अस्पतालों में महंगा होगा उपचार
नए साल से सरकारी अस्पतालों में महंगा होगा उपचार

संवाद सहयोगी, रुड़की: सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। नए साल से मरीजों को अस्पताल के हर शुल्क में 10 फीसद अधिक पैसा खर्च करना होगा। साथ ही, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और कई पैथोलॉजी जांचों का खर्च तो प्राइवेट अस्पतालों के बराबर हो जाएगा।

सरकारी अस्पतालों में शुल्क को लेकर वर्ष 2010 में शासनादेश जारी किया गया था। जिसमें एक जनवरी से हर साल अस्पताल के शुल्क में 10 फीसद की बढ़ोत्तरी के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद से अब तक हर साल सरकारी अस्पतालों में उपचार 10 फीसद महंगा होता जा रहा है। ऐसे में गरीबों के लिए सरकारी अस्पतालों में उपचार कराना भी मुश्किल होता जा रहा है। एक जनवरी से सरकारी अस्पताल का पर्चा जो पहले 21 रुपये का बनता था, 23 रुपये का हो जाएगा। इसी तरह से सीटी स्कैन 1529 रुपये के स्थान पर 1579 रुपये हो जाएगा। वहीं अल्ट्रासाउंड 428 के स्थान पर 468, एक्स-रे 161 के स्थान पर 177 रुपये और ईसीजी 215 के स्थान पर 235 रुपये का हो जाएगा। इसी तरह से पैथोलॉजी की लिपिड प्रोफाइल 319 से बढ़कर 350, केएफटी 256 के स्थान पर 276 रुपये की हो जाएगी। यह जांच भी प्राइवेट लैब के बराबर हो गई है। यह सभी रेट एक जनवरी से लागू हो जाएंगे। सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीके चक्रपाणि ने बताया कि शासनादेश के अनुपालन में एक जनवरी से अस्पताल में सभी शुल्क पर 10 फीसद की वृद्धि कर दी जाएगी।

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