छात्रों की घर वापसी को लेकर कठघरे में गुरुकुलम, 50 हजार सिक्योरिटी जमा न कराने पर बंधक बनाने का आरोप

योगगुरु बाबा रामदेव के आचार्यकुलम में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के तीन बच्चों को प्रशासनिक मदद से उनके अभिभावकों के सुपुर्द किया गया है। अभिभावकों का आरोप है कि आचार्यकुलम प्रबंधन ने बच्चों को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 11:47 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 10:45 PM (IST)
छात्रों की घर वापसी को लेकर कठघरे में गुरुकुलम, 50 हजार सिक्योरिटी जमा न कराने पर बंधक बनाने का आरोप
आचार्यकुलम में पढ़ रहे छत्तीसगढ़ के तीन बच्चों को प्रशासन की मदद से किया गया उनके अभिभावकों के सुपुर्द।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ के वैदिक गुरुकुलम में पढ़ रहे चार छात्रों की घर वापसी को लेकर हरिद्वार से लेकर छत्तीसगढ़ तक हलचल रही। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की पहल के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने चारों बच्चों को उनके अभिभावकों के सिपुर्द कर दिया। सभी बच्चे छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के रहने वाले हैं। इससे पहले अभिभावकों ने गुरुकुलम प्रबंधन पर बच्चों को घर ले जाने की एवज में 50-50 हजार रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाने के लिए दबाव डालने और ऐसा करने पर बच्चों को बंधक बनाने का आरोप लगाया। हालांकि, हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने दावा किया कि प्रारंभिक पड़ताल में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई। दूसरी तरफ, पतंजलि योगपीठ की तरफ से कहा गया कि दाखिले के वक्त हुए अनुबंध के तहत ही अभिभावकों से सिक्योरिटी राशि जमा कराने को कहा गया था।  

घटनाक्रम कुछ इस तरह चला। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से तीन अभिभावक अपने बच्चों को घर ले जाने के लिए 26 मई को बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ के अधीन हरिद्वार में संचालित गुरुकुलम पहुंचे। इनके चार बच्चे यहां एलकेजी, पहली और छठी कक्षा में पढ़ते हैं। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए वह चिंतित है, इसलिए कुछ दिनों के लिए बच्चों को अपने साथ ले जाना चाहते हैं। अभिभावकों का आरोप है कि गुरुकुलम प्रबंधन ने इसके बदले उन्हें 50 हजार रुपये प्रति छात्र सिक्योरिटी जमा कराने को कहा गया। असमर्थता जताने पर प्रबंधन ने बच्चों को नहीं छोड़ा। 

इस पर अभिभावकों ने अपने कुछ परिचितों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद गरियाबंद के डीएम नीलेश क्षीरसागर ने उत्तराखंड में अपने बैचमेट अधिकारी से संपर्क कर हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर तक मामले की सूचना पहुंचाई। डीएम ने इसकी पुष्टि की और बताया कि उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. आनंद भारद्वाज और प्रशासनिक टीम को गुरुकुलम भेजकर मामले का समाधान करा दिया है। चारों बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है।

डीएम के अनुसार गरियाबंद निवासी बच्चों के अभिभावकों कौशल कुमार और ललितराम के स्तर से गुरुकुलम के खिलाफ शिकायत मिली थी। इस बीच गरियाबंद प्रशासन की एक टीम भी हरिद्वार पहुंच गई थी। शुक्रवार को अभिभावक इस टीम के साथ छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा.भारद्वाज के अनुसार गुरुकुलम प्रबंधन ने अभिभावकों से बच्चों को साथ ले जाने के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट मांगी थी। एक अभिभावक के पास यह रिपोर्ट 72 घंटे से पुरानी थी। स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर अभिभवकों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाने तक बच्चों को साथ न ले जाने की सलाह दी गई थी। 

इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के चार छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मिली थी। गरियाबंद के कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बनाए बच्चों को छोड़ दिया गया है। 

आचार्यकुलम के व्यवस्थापक आचार्य रजनीश ने बताया कि दाखिले के वक्त ही अभिभावकों के साथ एक अनुबंध किया जाता है कि शिक्षण सत्र के मध्य में बच्चे को छुट्टी नहीं मिलेगी। अनुबंध में स्पष्ट है कि अगर कोई अभिभावक उन्हें कुछ दिन के लिए ले जाना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह बच्चे को वापस लेकर आएंगे, 50 हजार रुपये सिक्योरिटी राशि जमा कराएंगे। 

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